मध्य प्रदेश में कई तीर्थ सर्किट बनाने की तैयारी में सरकार, केंद्र से मांगे 161 करोड़

चित्रकूट में रामायण सर्किट के साथ बड़वानी,मंदसौर, टीकमगढ़ सहित प्रदेश के कई हिस्सों में तीर्थकर सर्किट बनाने की योजना में है परिवहन विभाग, दो साल में सर्किट तैयार करने का है लक्ष्य

Updated: Feb 26, 2021, 02:11 AM IST

Photo courtesy: news18
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भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार के राम वन गमन पथ की तर्ज पर धार्मिक सर्किट बनाने की तैयारी कर रही है। इसमें न सिर्फ रामायण सर्किट होगा बल्कि कई तीर्थ सर्किट बनाने की योजना है। पूर्व की कमलनाथ सरकार की तर्ज पर शिवराज सरकार भी चित्रकूट को राम वन गमन पथ का मुख्य केंद्र बनाएगी। यहां तीर्थ स्थलों को सजाने संवारने के अलावा सड़क, परिवहन, पार्किंग, बस स्टैंड आदि की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। 

 परिवहन विभाग की तरफ से इस नई योजना का खाका तैयार किया गया है। परिवहन विभाग ने राज्य में रामायण और तीर्थकर सर्किट को धरातल पर उतारने के लिए 161 करोड़ की योजना बनाई है। चूंकि राज्य सरकार कर्ज में डूबी है और उसके पास पर्याप्त धन नहीं है, इसलिए सर्किट निर्माण की इस योजना को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अधिकतम दो वर्ष की अवधि में ही दोनों सर्किट का निर्माण कर लिया जाएगा।

पर्यटन विभाग ने केंद्र को भेजे अपने प्रस्ताव में यह बताया है कि विभाग रामायण सर्किट और तीर्थकर सर्किट के बीच रोड कनेक्टिविटी के अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिए परिवहन, बस स्टैंड, पार्किंग और जनसुविधा आदि की व्यवस्था पर काम कर रहा है। यही नहीं, इसके तहत पर्यटकों के भोजन और ठहरने की भी सुगम व्यवस्था की जाएगी। 

कहां बनेंगे सर्किट 
रामायण सर्किट मध्यप्रदेश के चित्रकूट में तैयार किया जाएगा। पर्यटन विभाग चित्रकूट बस स्टैंड और रेलवे टेशन पर रामयाण के सांकेतिक प्रदर्शन करना चाहता है। रामयाण सर्किट के तहत थीम पार्क का भी रोडमैप तैयार किया गया है।

चित्रकूट में रामयाण सर्किट के अलावा प्रदेश के बड़वानी, मंदसौर, टीकमगढ़, दतिया आदि को जोड़ते हुए तीर्थकर सर्किट भी बनाया जाएगा। लेकिन ये सभी केंद्र से मिलनेवाले आर्थिक सहयोग पर निर्भर करेगा। तीर्थकर सर्किट के तहत आदिवासी इलाकों के धार्मिक स्थलों को चिन्हित कर उसे विकसित करना है। तीर्थकर सर्किट बड़वानी के बावनगजाजी, टीकमगढ़ के बंधाजी, मंदसौर के बजरंगगढ़, छतरपुर के द्रोणागिरी, दतिया में सोनागिरि, सागर के सिद्धक्षेत्र, दमोह के कुण्डलपुर, खंडवा के सिद्धवरकूट में सर्किट को जोड़ेगा।

हालांकि पूर्ववर्ती सरकार ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज चौहान ने इस योजना की मंशा ज़ाहिर की थी। पर उसे बार बार ठंडे बस्कते में डाल दिया गया। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने भी राम वन गमन पथ के लिए चित्रकूट से अमरकंटक तक सर्वे इत्यादि का काम पूरा करा लिया था। लेकिन इस बार शिवराज सरकार राम पथ के अलावा भी कई तीर्थ सर्किट बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस मंशा का खुलासा खुद मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के दिन किया था। जिसमें रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, अमरकंटक सर्किट और मां नर्मदा परिक्रमा सर्किट बनाने की मंशा जाहिर की गई थी।

बहरहाल इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ लगता है शिवराज सरकार अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी पर भी काम कर रही है। अगर यह योजना दो साल में पूरी होती है तो शिवराज सरकार इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर भी दर्शा सकती है। जो कमलनाथ सरकार पूरा नहीं कर सकी।