दंगाइयों को संरक्षण दे रही सरकार, गुना पुलिस अधीक्षक के ट्रांसफर पर CPIM ने बोला हमला

माकपा ने कहा है कि गुना मे एसपी के ट्रांसफर के साथ ही एकतरफा कार्रवाई शुरू हो गई है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जेल में डाला जा रहा है, जबकि FIR के बावजूद RSS से जुड़े अपराधी खुले घूम रहे हैं।

Updated: Apr 21, 2025, 03:22 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना में हनुमान जयंती पर 2 पक्षों में हुए विवाद की गाज पुलिस अधीक्षक पर गिरी है। संजीव कुमार सिन्हा को गुना एसपी के पद से हटा दिया गया है और उन्हें भोपाल पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया। गुना एसपी के ट्रासंफर पर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार पर दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि गुना पुलिस अधीक्षक का तबादला सामान्य परिस्थितियों में हुआ तबादला नहीं है, बल्कि साम्प्रदायिक दंगा रोकने और दंगाइयों के खिलाफ कार्यवाही कर शांति और सौहार्द स्थापित करने की उन्हें सरकार ने सजा दी है।

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सिंह के मुताबिक पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा था कि विहिप और संघ से जुड़े लोगों ने ही बिना अनुमति जलूस निकालकर, आपत्तिजनक नारे और डीजे बजाते हुए मस्जिद के सामने उत्पात मचाया था। इन्हीं की हरकतों के कारण दंगा हुआ है। इसके चलते इन तत्वों के खिलाफ भी तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। 

माकपा नेता ने कहा है कि संघ यह कैसे बर्दाश्त कर सकता है कि उसी के नियंत्रण में चलने वाली सरकार के होते हुए उनके उत्पातियों पर मुकदमा दर्ज हो जाए। इन्हीं के दबाव में पुलिस अधीक्षक को कानून व्यवस्था बनाए रखने, साम्प्रदायिक सद्भाव की रक्षा करने और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के अपराध की सजा एक निष्ठावान पुलिस अधीक्षक को दी गई है।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले रतलाम मे संघ से जुड़े लोगों द्वारा दंगा करवाने की साजिशों को नाकाम करने की सजा तबके रतलाम एसपी राहुल कुमार लोडा को दी गई थी। क्योंकि उसने इन तत्वों को जेल भी पहुंचा दिया था।
माकपा नेता ने कहा है कि गुना मे एसपी के ट्रांसफर के साथ ही एकतरफा कार्रवाई शुरू हो गई है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जेल में डाला जा रहा है, जबकि एफआईआर के बावजूद संघ से जुड़े अपराधी खुले घूम रहे हैं। 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि दंगाइयों को मुख्यमंत्री का संरक्षण है क्योंकि गृह मंत्रालय भी उन्हीं के पास है। माकपा ने सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों से एकजुट होकर सरकार की साम्प्रदायिक और अल्पसंख्यक विरोधी मुहिम का विरोध करने की अपील की है।