स्ट्रॉन्ग रूम का बिजली गुल, आधे घंटे बंद रहे CCTV कैमरे, बालाघाट का एक और सनसनीखेज मामला

बालाघाट स्ट्रॉन्ग रूम में सुबह 9 बजे अचानक बिजली गुल हो गई, इस दौरान आधे घंटे तक सीसीटीवी कैमरे बंद थे, कल ही यहां पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था।

Updated: Nov 29, 2023, 02:24 AM IST

बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट में पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ की यहां से एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंगलवार को यहां स्ट्रांग रूम की लाइट अचानक काट दी गई। सारे सीसीटीवी कैमरे और एलईडी भी बंद हो गए और पूरे स्ट्रांग रूम में अंधेरा छा गया। कांग्रेस ने इसके लिए जिला कलेक्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वे भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि सुबह करीब 9 बजे अचानक स्ट्रॉन्ग रूम की बिजली गुल हो गई। लगभग आधा घंटे तक स्ट्रांग रूम में अंधेरा छाया रहा और सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए। इसकी जानकारी मिलते ही कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सहित पार्टी कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और आपत्ति जताई। काफी देर बाद एडीएम और एसडीएम मौके पर पहुंचे और बिजली कर्मचारी को बुलाकर फॉल्ट सुधार कराया। 

कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे ने प्रेस वार्ता कर जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं साथ ही उन्हें जिले से हटाने की मांग की है। कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है कि जिला निर्वाचन अधिकारी बीजेपी प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन के एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सही मतगणना नहीं होती है तो मैं विरोध करूंगी और उसमें मेरी जान चली जाए तो परवाह नहीं।

अनुभा मुंजारे ने कहा कि आज आधे घंटे तक सारे सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हुए हैं। कलेक्टर बोलते हैं तकनीकी खराबी है, आप चुनाव करवा रहे हो की तमाशा करवा रहे हो। मैंने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी तब कलेक्टर ने भरोसा दिलाया था कि ऐसा नहीं होगा। वहीं, मामले पर कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा ने कहा कि आज बारिश के चलते बिजली गुल हुई थी। भविष्य में ऐसा नहीं होगा और जनरेटर की व्यवस्था रहेगी।

बता दें कि सोमवार को बालाघाट स्ट्रॉन्ग रूम में पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। इस मामले में कलेक्टर की भूमिका सदेहस्पद इसलिए है क्योंकि वे लगातार अपने बयान से पलट रहे हैं। पहले उन्होंने कहा कि तय नियम के मुताबिक सबकुछ किया गया। बाद में नोडल अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया। कांग्रेस इस मामले में जिला कलेक्टर को सस्पेंड करने की मांग कर रही है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि उन्हें ही जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।