कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन का उद्घाटन, राहुल गांधी ने बताया त्याग और कड़ी मेहनत का प्रतीक
कांग्रेस के नए मुख्यालय 'इंदिरा भवन' का बुधवार को उद्घाटन हुआ। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने फीता काटकर नए मुख्यालय का उद्घाटन किया, जबकि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने झंडा फहराया।

नई दिल्ली। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के मुख्यालय 'इंदिरा भवन' का बुधवार को उद्घाटन किया गया। 'इंदिरा गांधी भवन' 9A, कोटला रोड, नई दिल्ली - यह कांग्रेस पार्टी का नया पता है। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने फीता काटकर नए मुख्यालय का उद्घाटन किया, जबकि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने झंडा फहराया। इस मौके पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल सहित तमाम पार्टी नेता मौजूद रहे।
पिछले करीब पांच दशक से पार्टी का मुख्यालय ‘24 अकबर रोड' था। अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय ‘9ए कोटला मार्ग' पर बनाया गया है। इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय के प्रांगण में ध्वजारोहण किया गया और नेताओं ने राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र गान तथा ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा..' गाया। इंदिरा भवन को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया है, जिसमें प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों में सहयोग करने के लिए आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
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इंदिरा गांधी ने जनवरी 1978 में पार्टी मुख्यालय को 24 अकबर रोड पर शिफ्ट किया था और तब से लेकर यह अब तक पार्टी का मुख्यालय है, तकरीबन 47 साल तक पार्टी का दफ्तर 24 अकबर रोड से चला है अब नए मुख्यालय में शिफ्ट हो रहा है। कांग्रेस पार्टी का नया दफ्तर 6 मंजिला है और इसे कॉर्पोरेट स्टाइल में बनाया गया है और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इस परिसर में कांग्रेस पार्टी के मुख्य दफ्तर के साथ ही सभी फ्रंटल संगठन महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और NSUI के दफ्तर भी शिफ्ट किए जाएंगे जो कि अभी अलग-अलग जगह से चल रहे हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, 'ये इमारत हमारे कार्यकर्ताओं के खून से, हमारे हर एक नेता के खून से बनी है। इसमें आप सभी शामिल हैं, जो आज कांग्रेस पार्टी के विचार का बचाव कर रहे हैं। इस कमरे में मौजूद हर कोई कांग्रेस पार्टी के विचारों का बचाव करते हुए गंभीर हमले का सामना कर रहा है। कभी-कभी हम इसे भूल जाते हैं। लेकिन इस कमरे में बैठे ये लोग इसलिए अपनी जान पर हमले और हमले झेल रहे हैं क्योंकि ये कांग्रेस पार्टी में हैं और ये बीजेपी और आरएसएस के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं।'
इसी तरह, हजारों कार्यकर्ता हैं। लेकिन कांग्रेस की विचारधारा को मानने वाले लाखों लोग भी हैं। इसलिए, इसी तरह, ये इमारत हमारे देश की मिट्टी से, हमारे नेताओं और हमारे कार्यकर्ताओं के खून से निकली है। इस इमारत के पीछे का विचार भी हमारे देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए। ये इस इमारत का कर्तव्य है कि इस इमारत के अंदर जो विचार हैं, वो हमारे देश के कोने-कोने तक पहुंचें- तमिलनाडु, कश्मीर, पूर्वोत्तर, गुजरात, अंडमान और लक्षद्वीप तक। हमारे देश के हर कोने तक, इस इमारत से इस विचार का प्रचार-प्रसार होना चाहिए।