कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा, साउथ अफ्रीका से आज भारत आएंगे 12 नए मेहमान

कूनों में 20 होगी चीतों की संख्या, एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर विमान थोड़े देर में चीतों को लेकर पहुंचेगा ग्वालियर, यहां से हेलीकॉप्टर से भेजा जाएगा कुनो

Updated: Feb 18, 2023, 09:41 AM IST

श्योपुर। देश आज एक बार फिर से चीतों के स्वागत का इंतजार कर रहा है। आज दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क में 12 चीते और आएंगे, जिसके बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी। आज आने वाले 12 चीतों के जत्थे में 7 नर और 5 मादा चीते हैं। पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में 3 नर और 5 मादा चीते थे। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चीतों को पार्क में छोड़ा था।

जानकारी के मुताबिक चीतों को ला रहा एयरफोर्स का विशेष विमान ग्लोबमास्टर शनिवार सुबह 10:00 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। इसके बाद इन्हें हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव कूनो नेशनल पार्क में चीतों का स्वागत करने के लिए मौजूद रहेंगे। शुरुआती 30 दिन चीते क्वारंटीन रहेंगे इसके बाद उन्हें बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा।

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नए मेहमानों के आने से कुनो के जंगलों में अब चीतों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। प्रोजेक्ट चीते के महानिदेशक एस पी यादव ने बताया कि चीते लाने के अपने पहले अनुभव से काफी मदद मिल रही है। नामीबिया से लाए गए 8 चीते यहां के वातावरण में पूरी तरह से घुल मिल गए हैं। अब वे शिकार भी करने लगे हैं। अब इनमें से कुछ को चिंहित करके जंगल में छोड़ा जाएगा। निगरानी के लिए रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका से लाने के दौरान चीतों को बेहोश कर दिया गया है। बेहोशी की हालत में ही उन्हें जहाज में शिफ्ट किया गया और 10 घंटे वे बेहोशी में ही हवाईयात्रा कर रहे हैं। उनकी सेहत का ख्याल रखने के लिए साथ में एक्सपर्ट और डॉक्टर की टीम भी मौजूद है। क्वारंटीन अवधि के दौरान में वे लगातार डॉक्टर्स की निगरानी में रहेंगे।
क्वारंटीन बाड़ों में छाया के लिए शेड बनाए गए हैं

भारत में चीता परिचय की कार्य योजना के मुताबिक कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से सालाना 10-12 चीतों का आयात करने की जरूरत है। भारत की जमीन पर 70 सालों के लंबे अंतराल के बाद पुर्नस्थापित किए गए हैं। भारत में आखिरी चीते की मौत छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में साल 1947 में हुई थी। माना जाता है कि कोरिया के शोरिया रोबस्टा जंगलों में तीन चीतों को गोली मार दी गई थी। इस प्रजाति को देश में 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।