Heritage Scam: हाईकोर्ट के आदेश पर महेश्वर किले समेत 102 संपत्तियों का सरकारी अधिग्रहण

Khasgi Trust Scam: हाईकोर्ट ने खासगी ट्रस्ट को देखभाल के लिए मिलीं 26 राज्यों की 250 संपत्तियों के सौदों को गलत माना है, सरकार को कब्जे में लेने का आदेश दिया है

Updated: Oct 09, 2020, 10:19 PM IST

Photo Courtesy: beyondlust.com
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महेश्वर। खासगी ट्रस्ट के नियंत्रण वाली लगभग 250 साल पुरानी 102 संपत्तियों की देख-रेख अब सरकार करेगी। इनका निर्माण देवी अहिल्याबाई होलकर के जमाने में हुआ था। इनमें किला, घाट, छतरियां, कुएं, बावड़ी आदि शामिल हैं। प्रशासन के अधिकारियों ने गुरुवार को ही महेश्वर के राजबाड़ा पहुंचकर ट्रस्ट डीड में उल्लेखित परिसंपत्तियों का कब्जा लिया। 10 मिनट में प्रक्रिया पूरी कर कलेक्टर को प्रतिवेदन भेज दिया गया। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने खासगी ट्रस्ट को देखभाल के लिए मिली देश के 26 राज्यों की 250 संपत्तियां बेचे जाने को गलत मानते हुए सभी सौदे रद्द करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सरकार से इन सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का आदेश भी दिया था। कब्जे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एसडीएम ने ट्रस्ट के स्थानीय प्रबंधक संजय रावत से यहां चल रहे कामों की जानकारी भी ली।

खासगी ट्रस्ट की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

इस फैसले के खिलाफ खासगी ट्रस्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में  एसएलपी यानी विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी है। दूसरी तरफ, ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार, रामेश्वरम की तीन, जिसमें ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास की कीमती जमीन भी है, के अलावा खंडवा की दो, पुष्कर की दो, हरिद्वार की एक और जेजुरी महाराष्ट्र स्थित 10 संपत्तियों के सौदे हो चुके हैं। यही नहीं, कुशावर्त घाट को बेचने का सौदा निजी ट्रस्ट बताकर कर दिया गया। शेष संपत्तियों को लेकर इलाहाबाद से लेकर हरिद्वार, वृंदावन, अयोध्या में 42 केस चल रहे हैं।

सरकार की तरफ से ट्रस्ट को तीन दिन में पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है। 26 राज्यों में 39 सदस्यों वाली जांच टीम जाएगी, हर जगह की वीडियोग्राफी होगी शासन ने खासगी की देशभर में फैली संपत्तियों की जांच और वस्तुस्थिति के लिए 39 सदस्यीय टीम बनाई है। दो से तीन सदस्यों की टीम 26 राज्यों में 250 संपत्ति की वास्तविक स्थिति पता करेगी। हर जगह की वीडियोग्राफी करेगी। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इस पूरे मामले का रिव्यू किया है। इसमें दो सौ से ज्यादा संपत्तियों, अदालत के फैसले, पूरानी ट्रस्ट डीड और जमीनों की खरीद-बिक्री के बारे में मुख्य सचिव ने जानकारी ली। साथ ही तय किया कि तमाम संपत्तियों की जानकारी एक ऐप पर भी डाली जाएगी, ताकि नजर रखी जा सके।

बेची गई संपत्तियों में शामिल हैं:

  • रामेश्वरम- अन्नक्षेत्र, ज्योतिर्लिंग के पास की जमीन, पर्वत काठबाग और हनुमान मंदिर
  • खंडवा- गोहदपुरा की साढ़े तीन एकड़ जमीन 
  • पुष्कर- सरकारी नोहरा, मकान व गणेश मंदिर की छत 
  • हरिद्वार- कुशावर्त घाट 
  • जेजुरी- गांव की 10 जमीनें