टाइगर स्टेट में नहीं थम रहा बाघों की मौत का सिलसिला, बांधवगढ़ में करंट लगने से एक बाघ की मौत
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ की करंट लगने से मौत हो गई।

उमरिया| मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ की करंट लगने से मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। यह घटना रिजर्व के पनपथा बफर जोन में हुई, जहां शिकारियों ने जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिजली का जाल बिछाया था। करंट की चपेट में आने से बाघ की मौके पर ही मौत हो गई, जिसके बाद आरोपी शिकारियों ने डर के मारे शव को भादर नदी के दलदली क्षेत्र में गड्ढा खोदकर दबा दिया।
वन विभाग को गश्ती दल से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर जब जांच की गई तो डॉग स्क्वायड की मदद से बाघ का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। बाघ की मौत लगभग 15 दिन पहले हुई थी, लेकिन शव से कोई अंग गायब नहीं था, जिससे यह साफ हुआ कि यह शिकार के उद्देश्य से नहीं मारा गया था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के तहत शव का पोस्टमार्टम किया गया और फिर विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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वन विभाग की सक्रियता के चलते इस मामले में दो शिकारियों, राम चरण कोल और पांडू कोल, को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनके पास से जीआई तार और कुल्हाड़ी बरामद हुई है। इनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है। हालांकि, इस मामले में तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
इस घटना ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही बाघों की मौतों पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। अवैध शिकार और अवैध खनन के कारण क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। वन विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ा रहा है, लेकिन शिकारियों की हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।