दिल्ली-हरियाणा के लोगों को बंट गए आदिवासियों के पट्टे, कलेक्टर के खुलासे पर कमलनाथ ने पूछा सवाल

PCC चीफ कमलनाथ ने श्योपुर में आदिवासी परिवारों के साथ पट्टे दिए जाने में हुई गड़बड़ी सामने आने पर प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने आदिवासियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं।

Updated: Sep 22, 2023, 10:15 AM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के हक के पट्टों की बंदरबांट चल रही है। श्योपुर जिले में आदिवासियों के पट्टे (जमीन) दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लोगों के नाम कर दिए गए। इस बात का खुलासा विपक्ष ने नहीं बल्कि खुद जिले के कलेक्टर ने जांच-पड़ताल के बाद किया है। अब सवाल उठता है कि बिना नेताओं और अधिकारियों के मिलीभगत के इतने बड़े स्तर पर धांधली कैसे हो सकता है? इस पूरे मामले पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'शिवराज जी, आप भ्रष्टाचार में नवाचार की पाठशाला बन गए हैं। आपने आदिवासियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं। अब तक जनता आरोप लगाती थी, लेकिन अब तो सरकारी अधिकारी भी इस पर मुहर लगा रहे हैं। आदिवासी बहुल श्योपुर जिले के कलेक्टर ने खुलासा किया है कि जिले में बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों को अवैध पट्टे दिए गए हैं। आदिवासियों के नाम पर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लोगों को पट्टे दे दिए गए। इस घोटाले में आपकी पूरी सरकारी मशीनरी शामिल है।'

कमलनाथ ने आगे कहा, 'आदिवासी समाज आपसे पूछता है कि आपने उनके हिस्से की ज़मीन क्यों हड़पी? जब इतने समय से पट्टों की यह बंदरबांट चल रही थी तो आप ने चुप्पी क्यों साध रखी है? खुद कलेक्टर के घोटाला उजागर करने के बाद भी आप ने खामोशी ओढ़ रखी है? क्या आप बताएंगे कि आपकी कमिशनराज सरकार ने पट्टा घोटाला में कितना कमिशन खाया? क्या आप बताएंगे कि ये पट्टे किन लोगों को दिए गए और भाजपा से उनका क्या सम्बंध है?'

बता दें कि दो महीने पहले श्योपुर जिले में पदस्थ हुए कलेक्टर संजय कुमार लगातार एक के बाद एक बड़े खुलासे कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का खुलासा किया था। अब उन्होंने पट्टा वितरण में बड़े स्तर पर धांधली ला खुलासा किया है। उन्होंने ऐसे लोगों को सख्त चेतावनी दी है कि वह खुद आकर अपनी जमीन में सरेंडर करें वरना सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जो भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी है, भले ही वह रिटायर हो गए हो या अन्यत्र पदस्थ हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।