केंद्र सरकार ने 24 फीसदी बढ़ा दी सांसदों की सैलरी, अब 1.24 लाख रुपए प्रतिमाह पाएंगे माननीय

सांसदों का डेली अलाउंस 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 2,500 कर दिया गया है। साथ ही पूर्व सांसदों की पेंशन 25 हजार रुपए से प्रति माह से बढ़ाकर 31 हजार रुपए प्रति माह कर दी गई है।

Updated: Mar 25, 2025, 11:07 AM IST

नई दिल्ली। नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ देश में अप्रेजल का दौर चल रहा है। पहली गुड न्यूज नीति निर्माताओं को मिली है। देश के सांसदों की सैलरी में सात साल बाद बड़ी बढ़ोतरी हुई है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को 24 फीसदी का इंक्रिमेंट मिला है। माननीयों की सैलरी अब एक लाख से बढ़कर एक लाख 24 हजार रुपये महीने हो गई है।

केंद्र सरकार ने सांसदों के दैनिक भत्ते में भी इजाफा कर दिया है। इसे दो हजार से बढ़ाकर ढाई हजार किया गया है। पूर्व सांसदों के पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई है। उनकी पेंशन 25 हजार से बढ़ाकर 31 हजार की गई है। नया वेतनमान और पेंशन एक अप्रैल 2023 से लागू होंगे। सरकार ने सोमवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इससे पहले सांसदों के वेतन और भत्तों में अप्रैल 2018 में बढ़ोतरी हुई थी।

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केंद्र सरकार ने महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी को आधार मानते हुए वेतन और भत्ते बढ़ाए गए हैं। यह फैसला 2018 के बाद से लागू किए गए नियम के तहत किया गया है, जिसमें सांसदों के वेतन और भत्ते की हर पांच साल पर समीक्षा करने का प्रावधान है। यह समीक्षा महंगाई दर पर आधारित होती है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पांच साल से अधिक की सेवा के हर साल के लिए अतिरिक्त पेंशन को पहले के 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है।

सांसदों को 70 हजार रुपये का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। 2018 के संशोधन के अनुसार सांसदों को निर्वाचन क्षेत्र में जनसंपर्क खर्च के तौर पर यह भुगतान होता है। इसके अलावा उन्हें कार्यालय भत्ते के तौर पर हर महीने 60 हजार रुपये और संसदीय सत्रों के दौरान 2,000 रुपये दैनिक भत्ते के रूप में मिलते हैं। इन भत्तों में भी अब बढ़ोतरी की जाएगी।

बता दें कि प्रत्येक सांसद एक साल में 34 फ्री हवाई यात्राएं कर सकता है। सांसद चाहे तो 8 यात्राओं को अपने सहयोगियों या स्टाफ को ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्हें भारतीय रेलवे की सभी क्लास में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी मिलती है। यह सुविधा संसद सत्र के दौरान और बाद भी मिलती है। सड़क यात्रा के लिए 16 रुपए प्रति किमी तक का भत्ता दिया जाता है। यह तब लागू होता है जब सांसद किसी आधिकारिक कार्य के लिए सड़क से यात्रा करते हैं और हवाई या रेल यात्रा संभव नहीं होती। 

संसद सत्र के दौरान सांसदों को दिल्ली में परिवहन सुविधा प्रदान की जाती है। रिटायर्ड सांसदों को भी कुछ हद तक रेल और हवाई यात्रा पर रियायत मिलती है। इसके अलावा दिल्ली में मुफ्त सरकारी आवास, सरकारी आवास और ऑफिस के लिए 50,000 यूनिट फ्री बिजली और 4 लाख लीटर मुफ्त पानी की सुविधा छूट मिलती है। लोकसभा सांसदों के लिए 1,50,000 मुफ्त कॉल और राज्यसभा सांसदों के लिए 50,000 मुफ्त कॉल मिलती हैं।

सांसदों को सरकारी गाड़ी, रिसर्च और स्टाफ असिस्टेंट की सुविधा और संसद की कैंटीन में सब्सिडी वाली दरों पर भोजन भी मिलता है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सभी मेडिकल सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। सीजीएचएस अस्पतालों में मुफ्त इलाज होता है। अगर किसी बीमारी का इलाज देश में संभव नहीं, तो सरकार विशेष अनुमति के तहत विदेश में इलाज के लिए खर्च दे सकती है। सांसदों को पद छोड़ने के बाद भी CGHS के तहत मेडिकल सुविधा मिलती रहती है। पूर्व सांसदों को और उनके जीवनसाथी को भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है।