OBC आरक्षण को लेकर हम नहीं गए थे सुप्रीम कोर्ट, हम रोटेशन पद्धति चाहते हैं: विवेक तन्खा

महाराष्ट्र को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पर लगाया स्टे, ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर न्यायालय में खुद को डिफेंड नहीं कर पाई सरकार, विवेक तन्खा बोले- हमारी याचिका रोटेशन संबंधी

Updated: Dec 18, 2021, 04:53 AM IST

Photo Courtesy: The Sunday Guardian
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नई दिल्ली/भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को मिली फटकार के बाद अब पंचायत चुनाव को लेकर क्या निर्णय होंगे इसपर सभी की नजरें टिकी हुई है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय में कल हुई सुनवाई ने ओबीसी आरक्षण पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार खुद को एक बार फिर डिफेंड नहीं कर पाई।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव पर स्टे का फैसला महाराष्ट्र ओबीसी आरक्षण विवाद को आधार बनाकर दिया है। जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में परिस्थितियां भिन्न हैं। याचिकर्ताओं की ओर से दलील दे रहे कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने भी इसे स्वीकारा है। तन्खा ने स्पष्ट कहा है कि हम ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट नहीं गए थे, बल्कि हम रोटेशन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहूंचे थे।

विवेक तन्खा के मुताबिक उन्हें भी यह उम्मीद नहीं थी कि अदालत महाराष्ट्र के मामले से जोड़कर फैसला सुनाएगी। तन्खा ने कहा कि कोर्ट में प्रदेश सरकार के वकील मौजूद थे, उन्हें आंकड़ों के साथ कोर्ट को यक़ीन दिलाना चाहिए था कि दोनों प्रदेश के मुद्दे भिन्न हैं। तन्खा के मुताबिक ओबीसी आरक्षण पर तथ्य देने के बजाए सरकार का ध्यान रोटेशन रोकने पर था, इस वजह से महाराष्ट्र के आधार पर फैसले हुए। 

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बता दें कि शुक्रवार को फैसला आने के बाद भी विवेक तन्खा ने स्पष्ट किया था की हमारी याचिका रोटेशन से संबंधित थी और हमारा तर्क था की पंचायती राज चुनाव रोटेशन की पद्धति से ही संभव है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर तन्खा ने कहा था कि  OBC का सही डेटा केवल राज्य के पास मिलेगा। न्यायालय में इसका जवाब राज्य सरकार ही दे सकती है। सरकार को ओबीसी हित में जरूरी कदम उठाने चाहिए।

तन्खा ने जोर देते हुए कहा है कि ओबीसी का हक एक संवैधानिक विषय है। सरकार से आग्रह है कि इसे नजरअंदाज न करे। सरकार को इसपर गंभीरता से सोचना चाहिए कि रोटेशन पद्धति और ओबीसी मुद्दे पर क्लैरीटी के बिना चुनाव की प्रक्रिया जारी रखना जनहित में होगा।