फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश, हैप्पीनेस इंडेक्स में पाकिस्तान और नेपाल से भी पीछे है भारत
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि खुशहाली सिर्फ आर्थिक विकास से तय नहीं होती, बल्कि इसमें लोगों का आपसी भरोसा और सामाजिक जुड़ाव भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

फिनलैंड लगातार आठवीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना है। यहां के लोग अपने जीवन से भरपूर खुश हैं। वहीं, भारत के लोगों की स्थिति चिंताजनक ही है। 147 देशों की इस रैंकिंग में भारत को इस बार 118वां स्थान मिला है। पिछले साल इस रैंकिंग में भारत 126वें नंबर पर था। इस तरह भारत की रैंकिंग में आठ स्थानों का सुधार तो जरूर हुआ है, लेकिन यह नागरिकों की दयनीय स्थिति की ओर इशारा करता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में भारत से इस बार भी पाकिस्तान ने बाजी मार ली है। पाकिस्तान को हैप्पीनेस इंडेक्स में 109वीं रैंकिंग मिली है। यानी भारतीय लोगों से ज्यादा खुश को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लोग हैं। इतना ही नहीं खुशी के मामले में नेपाल भी भारत से उपर है। उसे 92वां स्थान मिला है।
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हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड के बाद डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड, कोस्टा रिका, नॉर्वे, इजरायल, लक्जमबर्ग और मैक्सिको रहे। हैप्पीनेस इंडेक्स में सबसे नीचे अफगानिस्तान है। अफगान महिलाओं का कहना है कि उनका जीवन विशेष रूप से कठिन है। पश्चिमी अफ्रीका में सिएरा लियोन दूसरा सबसे दुखी देश है, उसके बाद लेबनान है, जो नीचे से तीसरे स्थान पर है। उसके उपर मलावी, जिम्बाब्वे, बोत्सवाना, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, यमन, कोमोरोस और लेसोथो जैसे देश हैं।
अमेरिका इस लिस्ट में 24वें स्थान पर है, जो पिछले साल की तुलना में एक स्थान कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में अमेरिका में अकेले भोजन करने वाले लोगों की संख्या में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस सूची में यूनाइटेड किंगडम 23 स्थान पर है। हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट में कहा गया है कि खुशहाली सिर्फ आर्थिक विकास से तय नहीं होती, बल्कि इसमें लोगों का आपसी भरोसा और सामाजिक जुड़ाव भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
गैलप और यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क के साथ पार्टनरशिप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर ने गुरुवार, 20 मार्च को खुशहाली से जुड़ी यह रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें 147 देशों के लोगों से ही सर्वे में पूछा गया कि वे कितने खुश हैं। समाज में समग्र खुशी को मापने के लिए स्वास्थ्य, धन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार से मुक्ति सहित अलग-अलग फैक्टर पर सवाल किए गए और उनके जवाबों का मूल्यांकन किया गया है।
गैलप के सीईओ जॉन क्लिफ्टन ने रिपोर्ट को लेकर कहा कि खुशी सिर्फ पैसे या विकास से ही जुड़ा नहीं है। यह विश्वास, कनेक्शन और यह जानने के बारे में है कि लोग आपको हमेशा सपोर्ट करेंगे। अगर हम मजबूत सोसाइटी और अर्थव्यवस्था चाहते हैं, तो हमें उस चीज में निवेश करना चाहिए जो वास्तव में मायने रखती है। हमें एक-दूसरे में निवेश करना चाहिए।