भारत की सड़कों पर 2022 में मरे 50 हज़ार बाइक सवार, तेज़ रफ़्तार ड्राइव बन रही है जान की दुश्मन

2022 में बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोग मारे गए और उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 2022 के दौरान, कुल 50,029 लोग मारे गए जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जिनमें से 35,692 (71.3%) व्यक्ति ड्राइवर थे और 14,337 (28.7%) यात्री थे।

Updated: Nov 01, 2023, 06:09 PM IST

नई दिल्ली। देश में सड़क हादसों की संख्या में पिछले साल की तुलना में लगभग 12 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। ये आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह है तेज रफ्तार। बता दें कि पिछले साल यानी 2022 में कुल 4,61,312 सड़क हादसे दर्ज किए गए जो 2021 के 4,12,432 से 11.9 फीसदी ज्यादा थे। ये आंकड़ा ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए हैं।

पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए. जो 2021 की तुलना में अगर मौतों की बात करें तो 9.4 फीसदी ज्यादा रहे जबकि घायल होने वालों की संख्या में यह 15.3 फीसदी ज्यादा रहा। 2022 में 3.3 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार तेज गति के अलावा, रिपोर्ट में दुर्घटनाओं के लिए लापरवाही से गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और यातायात नियमों के उल्लंघन को भी जिम्मेदार ठहराया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, यातायात नियम उल्लंघन की श्रेणी के तहत, तेज गति से गाड़ी चलाना की वजह से (71.2 प्रतिशत) सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। जबकि गलत साइड पर गाड़ी चलाने (5.4% ) लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 10,000 से अधिक दुर्घटनाएं हुई। लाल बत्ती जंप करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई- 2021 में 2,203 से 2022 में 4,021 हो गई, जो कि वर्ष के दौरान 82.55% की बढ़ोतरी है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोग मारे गए और उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 2022 के दौरान, कुल 50,029 लोग मारे गए जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जिनमें से 35,692 (71.3%) व्यक्ति ड्राइवर थे और 14,337 (28.7%) यात्री थे। पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले 16,715 लोगों की मौत हो गई। इसमें 8,384 ड्राइवर और 8,331 यात्री शामिल हैं।