400 वें प्रकाश पर्व पर पीएम मोदी ने जारी किया स्मारक सिक्का, गुरु तेगबहादुर के बलिदान को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के 9वें गुरु गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर लाल किले से लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्मारक सिक्का के साथ एक डाक टिकट भी जारी किया।
नई दिल्ली। गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात दिल्ली स्थित लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान एक स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट भी जारी किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान देशवासियों से कहा कि, 'नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं।'
गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने भारत की अनेक पीढ़ियों को अपनी संस्कृति के मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी है। pic.twitter.com/DthGAji5bA
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, 'गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने भारत की अनेकों पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की मर्यादा की रक्षा के लिए, उसके मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी है। बड़ी-बड़ी सत्ताएँ मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है। भारत भूमि, सिर्फ एक देश ही नहीं है बल्कि हमारी महान विरासत है, महान परंपरा है। इसे हमारे ऋषियों, मुनियों, गुरुओं ने सैकड़ों-हजारों सालों की तपस्या से सींचा है और उसके विचारों को समृद्ध किया है।'
Blessed to join the 400th Parkash Purab celebrations of Sri Guru Teg Bahadur Ji at the Red Fort pic.twitter.com/cj02zafDW0
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2022
लालकिले से पीएम ने कहा कि, ये किला गवाह है कि औरंगजेब और उसके जैसे अत्याचारियों ने भले ही अनेकों सिरों को धड़ से अलग किया हो लेकिन हमारी आस्था को नहीं बदल सके। संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु ने अपना बलिदान दे दिया। पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्म कल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं।
कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से रागी और बच्चों ने 'शबद कीर्तन' प्रस्तुत किया, जिसे प्रधानमंत्री ने बड़े गौर से सुना। साथ ही गुरु तेग बहादुर जी के जीवन को दर्शाने वाला एक भव्य लाइट एंड साउंड शो भी पेश किया गया।