पंजाब में बाढ़ से अब तक 43 लोगों की मौत, 4.38 लाख एकड़ जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद

राज्य में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। शुरू में बताया गया था कि करीब 1.71 लाख हेक्टेयर खेत में फसलें तबाह हुई थीं, लेकिन ताजा रिपोर्ट में यह आंकड़ा 4,38,040 एकड़ तक बढ़ गया है।

Updated: Sep 05, 2025, 11:30 AM IST

चंडीगढ़। पंजाब इस समय पिछले चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। रावी, व्यास, सतलज जैसी नदियों के उफनते पानी ने राज्य में भीषण तबाही मचाई है। प्रदेश में 1900 से ज्यादा गांव जलमग्न हो चुके हैं। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों की संख्या बढ़कर 1,902 हो गई है। राज्य के तकरीबन सभी 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ के कारण राज्य में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। शुरू में बताया गया था कि करीब 1.71 लाख हेक्टेयर खेत में फसलें तबाह हुई थीं, लेकिन ताजा रिपोर्ट में यह आंकड़ा 4,38,040 एकड़ तक बढ़ गया है। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 6 और लोगों के हताहत होने की सूचना आई है। इसके साथ ही राज्य में बाढ़ से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुरदासपुर जिले में सबसे ज्यादा तबाही मची है। यहां करीब 1 लाख एकड़ फसल बर्बाद हुई है और 329 गांव प्रभावित हुए हैं। अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का में भी व्यापक तबाही मची है। बाढ़ से राज्य में अब तक 384,205 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 20,972 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।

राज्य में 196 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से सबसे अधिक बड़नाला में हैं, जहां 6,755 लोगों ने शरण ले रखा है। राहत और बचाव में 31 NDRF टीमें, सैनिक, वायुसेना कॉलम, 123 नावें, 30 से ज्यादा हेलीकॉप्टर और BSF की भी मदद ली जा रही है। पटियाला जिले में गग्गर नदी के आसपास अलर्ट जारी किया गया है और हर बाढ़ प्रभावित गांव में गैजेटेड अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

हालात को देखते हुए राज्य के कृषि मंत्री गुर्मीत सिंह खुदियन ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि फसलों का मुआवजा बढ़ाकर ₹50,000 प्रति एकड़ किया जाए, क्योंकि वर्तमान में दी जाने वाली ₹6,800 प्रति एकड़ का मुआवजा बहुत कम है। उन्होंने ₹8,000 करोड़ के RDF (ग्रामीण विकास कोष) और MDF (मार्केट टेवलपमेंट फंड) फंड तुरंत जारी करने की भी मांग की है। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री से ₹60,000 करोड़ लंबित केंद्रीय फंड जारी करने की भी मांग की है।