मराठा आरक्षण के समर्थन में एक दिन में 9 लोगों ने की आत्महत्या, 13 दिन में 25 लोगों ने दी जान

रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में अब तक 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं। यह आंदोलन 8 से ज्यादा जिलों में हिंसक हो गया है।

Updated: Nov 01, 2023, 12:36 PM IST

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की मांग ने महाराष्ट्र के कई जिलों को एक बार फिर आग में झोंक दिया है। आठ से ज्यादा जिलों में यह आंदोलन हिंसक हो गया है। मंगलवार को आरक्षण की मांग को लेकर एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली। 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में अब तक 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं। यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गईं आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे ज्यादा है।

30 अक्टूबर को बीड में हुई हिंसक वारदातों के बाद अब विरोध की आग मुंबई तक पहुंच गई है। कोलाबा इलाके में बुधवार सुबह विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रिफ के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया है।

मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई है। इसमें शिवसेना उद्धव गुट की तरफ से विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और चीफ व्हिप सुनील प्रभु पहुंचे हैं। इसके अलावा कांग्रेस, NCP के शरद और अजीत गुट के नेता भी शामिल हैं। उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा था कि उनके पार्टी को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है।

आंदोलन के समर्थन में अब तक दो सांसद और 4 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें शिवसेना शिंदे गुट के हिंगोली और नासिक के सांसद हेमंत पाटिल और हेमंत गोडसे शामिल हैं। इसके अलावा शिंदे की शिवसेना से विधायक रमेश बोरनारे, वैजापुर से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक रमेश बोरनारे, परभणी से कांग्रेस के विधायक सुरेश वारपुडकर, गेरवाई से भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी इस्तीफा दे दिया है। सरकार में शामिल तीनों दलों के 10 विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है। 

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस साल आंदोलन शुरू करने वाले मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल का आज 8वां दिन है। जारांगे ने चेतावनी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार स्पेशल सेशन बुलाकर आरक्षण पर फैसला करे। वर्ना ये आंदोलन देशभर में होगा। उन्होंने फैसला न करने पर जल त्यागने तक की चेतावनी दी है।