BSP कांग्रेस की लड़ाई समाजवादी पार्टी से है या बीजेपी से, अखिलेश यादव ने दिए गठबंधन की चाहत के संकेत

कांग्रेस बीएसपी से गठबंधन न करने के अपने फैसले पर नरम पड़े अखिलेश, कहा, इन पार्टियों को यह तय करना चाहिए कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है या समाजवादी पार्टी से

Publish: Aug 01, 2021, 10:41 AM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने की चाहत के संकेत दिए हैं। हालांकि अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा है कि वे कांग्रेस और बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को यह तय करना चाहिए कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है या समाजवादी पार्टी से? 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के विरोध में खड़े सभी छोटे दलों के साथ गठबंधन करने को लेकर कहा कि उनके दरवाजे हर छोटे दल के लिए खुले हुए हैं। और वे ज्यादा से ज्यादा छोटे दलों को अपने साथ लेने की पूरी कोशिश करेंगे। 

लेकिन जब अखिलेश से पूर्व के चुनावों में सहयोगी रही कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया तब अखिलेश सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचने की कोशिश की। पूर्व सीएम ने कहा कि इन पार्टियों को यह तय करना चाहिए कि इनकी लड़ाई बीजेपी से है या समाजवादी पार्टी से। अखिलेश ने कहा कि हमारी कोशिश यही रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा दल बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हों। 

गठबंधन के मसले पर अखिलेश यादव ने गेंद अब कांग्रेस और बीएसपी के पाले में डाल दी है। हालांकि अब तक बीएसपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के संबंध में अखिलेश यादव सीधे तौर पर यही कह रहे थे कि उनकी पार्टी सिर्फ छोटे दलों के साथ ही गठबंधन करेगी। लेकिन अब कांग्रेस और बीएसपी से गठबंधन को लेकर अखिलेश के इस रुख ने एक बार फिर आगामी विधानसभा चुनावों को एक नया सियासी मोड़ दे दिया है। लेकिन समाजवादी पार्टी से कांग्रेस और बीएसपी गठबंधन करेगी या नहीं, इस पर अब भी संशय की स्थिति बरकरार है। 

कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में यूपी चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए ब्राह्मण सम्मेलन पर ज़ोर देना शुरू कर दिया है। 2007 में जब मायावती उत्तर प्रदेश की सत्ता पर बैठी थीं। तब इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ब्राह्मण और दलित वोटों को साधना बना था। खुद सतीश मिश्रा दलित और ब्राह्मण वोटरों को एक साथ लाने में मेन आर्किटेक्ट बने थे।

 पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की जोड़ी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर बीजेपी काबिज हो गई। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी। जिसके बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव न लड़ने का फैसला किया। 

वहीं बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया, लेकिन मायावती की पार्टी को भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने पर कोई बेहतर नतीजा नहीं मिला। चुनावी नतीजों के बाद मायावती ने अखिलेश की पार्टी पर यह तक आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी का पूरा वोट समाजवादी पार्टी को ट्रांसफर हुआ लेकिन समाजवादी पार्टी के वोट बीएसपी को नहीं मिले।