अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो आरोप बेहद गंभीर हैं, पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

पेगासस जासूसी कांड को लेकर हंगामे के बीच सुप्रीम कोर्ट में हुई अहम सुनवाई, सर्वोच्च न्यायालय ने बताया बेहद गंभीर हैं आरोप, कपिल सिब्बल बोले- यह एक दुष्ट तकनीक है

Updated: Aug 05, 2021, 12:13 PM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड को लेकर देशभर में हो रहे हंगामे के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई। जासूसी कांड पर टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि ये बेहद गंभीर आरोप हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा की पेगासस एक दुष्ट और कपटी तकनीक है।

पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच कराने की मांग वाली 9 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एकसाथ सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं में वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार, कई राजनेता, एक्टिविस्ट और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया भी शामिल हैं। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ कर रही है। पत्रकार एन राम की ओर से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि हम सब यही हैं कि मामले पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी की जाए।

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कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि देश के प्रमुख पत्रकार, जनप्रतिनिधि, संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारी, कोर्ट के जज, शिक्षाविद सभी को पेगासस स्पाइवेयर का टारगेट बनाया गया है। यह तकनीक केवल सरकार को बेची जाती है, निजी संस्थाएं इसकी खरीददार नहीं हो सकती। ऐसे में अब केंद्र सरकार को जवाब देना होगा कि इसे किसने खरीदा? हार्डवेयर कहां रखा गया था? और सरकार ने FIR क्यों नहीं दर्ज की?

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि पेगासस जैसा दुष्ट और कपटी सॉफ्टवेयर नागरिकों की प्राइवेसी पर हमला है और संविधान के नियमों के खिलाफ है। सिर्फ एक फोन के दम पर कोई भी हमारी ज़िंदगी में घुस सकता है, और सबकुछ देख-सुन सकता है। इसपर चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो बताया गया है अगर वो सही है तो ये आरोप काफी गंभीर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसपर केंद्र का पक्ष जानने के बाद ही हम नोटिस जारी करेंगे। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।