10वीं में फेल हुए स्टूडेंट्स तो असम सरकार ने बंद कर दिए स्कूल, 34 स्कूलों पर गिरी गाज

असम की हिमांता बिस्वा सरमा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 34 स्कूलों को खराब रिजल्ट के कारण बंद करने का आदेश जारी किया है

Updated: Aug 25, 2022, 05:58 PM IST

गुवाहाटी। असम की भाजपा सरकार ने राज्य में 34 सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के पीछे का कारण हैरान करने वाला है। दरअसल, स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं पढ़ाई में कमजोर थे। ऐसे में हिमांता बिस्वा सरकार ने पढ़ाई दुरुस्त करने की बजाए स्कूलों को ही बंद करने का आदेश जारी कर दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन स्कूलों में 10वीं के सभी छात्र बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए थे। यहां की शिक्षा का स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन सभी स्कूलों में एक भी छात्र 2022 हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में पास नहीं हुआ। इसके लिए छात्रों को जिम्मेदार ठहराते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया।

बता दें कि असम की हिमांता बिस्वा सरमा सरकार राज्य में लगातार स्कूलों की संख्या घटाती जा रही है। अलग अलग कारणों से पिछले कुछ महीनों में एक हजार स्कूलों को बंद करा दिया गया है। इससे पहले असम सरकार ने छात्रों की कमी और खराब रिजल्ट के कारण000 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को बंद कर दिया था. कई स्कूलों को आस-पास के दूसरे स्कूल में मर्ज भी किया जा चुका है। स्कूलों से मर्जर का कई जगहों पर विरोध भी हुआ था।

छात्रों और अभिभावकों में भी इस बात को लेकर नाराजगी है कि विलय के नाम पर कई शिक्षण संस्थानों को पड़ोसी स्कूलों से जोड़ा गया है। लेकिन कुछ स्कूलों को दूरस्थ संस्थानों से जोड़ने में भी कई जगहों पर छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों को बंद करने के फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गलत बताया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट कर बताया कि स्कूल बंद करना समाधान नहीं है। हमें तो अभी पूरे देश में ढेरों नए स्कूल खोलने की जरूरत है. स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए।