मोहनखेड़ा में कांग्रेस का आदिवासी सशक्तिकरण शिविर, पूर्व CM दिग्विजय सिंह और PCC चीफ पटवारी हुए शामिल
कांग्रेस नेताओं द्वारा यहां आदिवासी समाज के लोगों को कांग्रेस की पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया गया। साथ ही प्रदेश में आदिवासियों को किस प्रकार से एकजुट रखा जाए जैसे विषयों पर पार्टी नेताओं ने सत्रों को संबोधित किया।

धार। मध्य प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व को मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। आदिवासियों के अधिकार एवं सशक्तीकरण को लेकर कांग्रेस द्वारा धार जिले के मोहनखेड़ा में पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। मंगलवार को शिविर के समापन सत्र को संबोधित करने के लिए वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी और पीसीसी चीफ दिग्विजय सिंह मोहनखेड़ा पहुंचे।
कांग्रेस नेताओं द्वारा यहां आदिवासी समाज के लोगों को कांग्रेस की पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया गया। साथ ही प्रदेश में आदिवासियों को किस प्रकार से एकजुट रखा जाए जैसे विषयों पर पार्टी नेताओं ने सत्रों को संबोधित किया। इस दौरान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश का 50 प्रतिशत आदिवासी समाज पलायन को मजबूर है। गरीबी, बेरोजगारी की समस्या सर्वाधिक आदिवासी समाज झेलता है और इसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।
मप्र आदिवासी कांग्रेस द्वारा मोहनखेड़ा में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और उत्साह का संचार किया।
— MP Congress (@INCMP) February 25, 2025
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री @digvijaya_28 जी, प्रदेश प्रभारी श्री @Barmer_Harish जी, प्रदेश अध्यक्ष श्री @jitupatwari… pic.twitter.com/A9YTaVkKvR
पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश की वस्तुस्थिति किसी से छिपी नहीं है। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे ज्यादा पीड़ित मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज के लोग हैं। सबसे ज्यादा बेरोजगारी आदिवासी समाज में है। सबसे कुपोषण, मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर भी आदिवासी समाज में है। आदिवासियों के लिए सरकार जो भी योजना लाती है उसमें भ्रष्टाचार होता है। फंड लैप्स कर जाते हैं। सरकार कहती है आदिवासियों के लिए एक लाख करोड़ की योजना है और खर्च 20 हजार करोड़ करती है। इसमें भी पंद्रह हजार करोड़ का गबन कर लेते हैं।
भाजपा कहती है कि आरक्षण सिर्फ दस साल के लिए था। आज भी आदिवासी गरीब क्यों हैं, कुपोषित क्यों हैं? आदिवासियों को रोजगार क्यों नहीं मिलता? क्यों पलायन हो रहा है। मध्य प्रदेश का 50 प्रतिशत आदिवासी पलायन को मजबूर क्यों है? आज आधुनिक भारत बन रहा है लेकिन उसका असर आदिवासी अंचलों में क्यों नहीं है? इसी बात की लड़ाई है। महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी।
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बता दें कि मोहनखेड़ा में आदिवासियों के सशक्तिकरण को लेकर आयोजित शिविर की शुरुआत 20 फरवरी से हुई थी। आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में प्रतिदिन यहां पर चार सत्रों का आयोजन किया गया। शिविर में आदिवासी बंधुओं व कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी।
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुनील चौहान (मनावर) के अनुसार, इस शिविर में 89 आदिवासी विकासखंडों और आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्रों से कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, महिलाएं और युवा शामिल हुए। शिविर का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदाय में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति सजग करना है।