Baba Ramdev: पतंजलि पर दस लाख का जुर्माना

Coronil: पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर जुर्माना, कोर्ट ने कोरोनिल शब्द के इस्तेमाल पर लगाई रोक

Updated: Aug 08, 2020, 03:33 AM IST

photo courtesy : amazon
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चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया है। मद्रास उच्च न्यायालय में पतंजलि के 'कोरोनिल' के दावे और उसके ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर 10 लाख का जुर्माना लगा दिया है। कोर्ट ने कोरोनिल शब्द का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी है।        

व्यापार में समानता जैसी कोई चीज़ नहीं होती 
दरअसल चेन्नई की एक कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने मद्रास उच्च न्यायालय में कोरोनिल के पेटेंट का गलत इस्तेमाल करने के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कंपनी ने दावा किया था कि उसने 1993 में ही 'कोरोनिल-213 एसपीएल' और कोरोनिल-92 बी' का रेजिस्ट्रेशन करा लिया था। उच्च न्यायालय ने कंपनी के दावे को सही ठहराते हुए पतंजलि द्वारा उपयोग किए जा रहे इस ट्रेडमार्क पर स्थाई तौर पर रोक लगा दी है।   

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस कार्तिकेयन ने अरुद्रा इंजीनियरिंग कंपनी के दावे को सही ठहराते हुए कहा कि इस कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के लिए पंतजलि खुद ज़िम्मेदार है। जस्टिस कार्तिकेयन ने कहा कि पतंजलि आसानी से यह जान सकती थी कि इस नाम से पहले कोई ट्रेडमार्क है या नहीं। जज ने आगे कहा कि पतंजलि को समझना चाहिए की व्यापार में समानता जैसी कोई चीज़ नहीं होती। जानकारी न होने की पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार पतंजलि ही है। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पतंजलि महामारी से डरे हुए लोगों का फायदा उठा कर पैसे कमाने की फिराक में थी। जबकि इसी दौर में कई ऐसे संस्थान हैं जो नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं। जस्टिस कार्तिकेयन ने कहा कि आद्यार कैंसर इंस्टिट्यूट और गवर्नमेंट योग एंड नैचुरोपैथी मेडिकल कॉलेज लोगों का फ्री में इलाज कर रही हैं। कोर्ट ने पतंजलि को दस लाख के जुर्माने के तौर पर दोनों संस्थाओं को पांच पांच लाख रुपए की राशि देने के लिए कहा है।
  
बता दें कि कोरोनिल के लॉन्च से पहले बाबा रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल दवा कोरोना मरीजों को ठीक कर सकती है। हालांकि, आयुष मंत्रालय ने इसे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया और बाद में मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि इस दवा को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बेच सकती है। मंत्रालय ने साफ-साफ कहा था कि कोरोनिल को कोरोना वायरस के इलाज के रूप में बेचा नहीं जा सकता है।