रोहणी में दिनभर चला निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, नर्मदा संरक्षण न्यास की सेवा से खिले ग्रामीणों के चेहरे
रोहणी गांव में दिनभर चला निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, ग्रामीणों के चेहरों पर दिखी राहत और संतोष की झलक
नरसिंहपुर। नर्मदा संरक्षण न्यास की ओर से मंगलवार को नरसिंहपुर जिले के अमोदा पंचायत अंतर्गत रोहणी गांव में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक परामर्श दिया। इस दौरान मरीजों को निःशुल्क दवाएं वितरित की गईं। इसके साथ ही नेत्र व दंत जांच, ब्लड सैंपलिंग और आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं।
इस स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य नर्मदा किनारे बसे ग्रामीणों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नर्मदा संरक्षण न्यास की कार्यकारी अध्यक्ष अमृता राय ने नर्मदा पूजन के साथ की। पूजन के उपरांत दोनों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। इसके बाद दिनभर गांव में स्वास्थ्य शिविर का संचालन हुआ, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने जांच, परामर्श और निःशुल्क दवा का लाभ उठाया।
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शिविर में मेडिसिन, नेत्र, दंत, पैथोलॉजी और जनरल चेकअप की अलग-अलग इकाइयां संचालित की गईं। दांतों की जांच के लिए विशेष डेंटल वैन और आंखों की जांच हेतु नेत्ररोग विशेषज्ञ मौजूद रहे। पैथोलॉजी यूनिट में ब्लड टेस्ट किट से ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस अवसर पर आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज की 30 सदस्यीय टीम सहित जबलपुर और नरसिंहपुर के अनुभवी डॉक्टर मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि नर्मदा संरक्षण न्यास के शिविरों से उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में बेहतर जानकारी और निःशुल्क चिकित्सा सहायता मिलती है, जो सरकारी सुविधाओं की कमी की भरपाई करती है। नर्मदा संरक्षण न्यास की ओर से बताया गया कि भविष्य में भी रोहणी में ऐसे स्वास्थ्य शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। न्यास पहले भी कई बार इस प्रकार के कार्यक्रम कर चुका है, जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हुए हैं।
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रोहणी गाँव नर्मदा के किनारे बसा ऐसा गाँव है जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं मुकम्मल तरीक़े से उपलब्ध नहीं हैं। मगर इस शिविर के माध्यम से लोगों को अपने स्वास्थ्य की बेहतर जानकारी एवं सुविधा मिल जाती है। बता दें कि दिग्विजय सिंह और अमृता राय ने वर्ष 2018 में नर्मदा परिक्रमा पूर्ण होने के उपरांत, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आशीर्वाद से, बरमान घाट के पास मां नर्मदा के संरक्षण और स्थानीय लोगों के सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से नर्मदा संरक्षण न्यास की संकल्पना की थी। कुछ वर्ष पूर्व दिग्विजय सिंह ने नर्मदा किनारे बसे इस गांव को गोद लेने की घोषणा भी की थी। तब से सिंह दंपत्ति और नर्मदा संरक्षण न्यास के तत्वाधान में ग्रामीणों के स्वास्थ्य देखभाल से लेकर बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को संवारने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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न्यास की ओर से समय-समय पर यहां स्कूली बच्चों के लिए भी कार्य किए जाते हैं। मसलन स्टेशनरी एवं यूनीफॉर्म बाँटना एवं बच्चों के लिए अवेयरनेस कैंप लगवाना आदि। इन सामाजिक गतिविधियों के अलावा न्यास नर्मदा जयंती के मौक़े पर धार्मिक आयोजन भी करता है जिसमें सभी आसपास के गाँवों के लोगों को भोजन-भंडारे का इंतज़ाम होता है। धार्मिक गुरुओं के साथ आयोजित भंडारों में लोग धर्म से संबंधित शिक्षा भी ग्रहण करते हैं। स्कूली बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सिंह दंपत्ति ने यहां जर्जर हो चुके शासकीय स्कूल के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी भी संभाली है। इसके अलावा, नर्मदा परिक्रमावासियों की सुविधा के लिए एक आश्रय स्थल का निर्माण कार्य भी नर्मदा संरक्षण न्यास के माध्यम से कराया जा रहा है।




