Bihar Elections: 'बिहार में ई बा' का जवाब 'का किए हो'- नीतीश के दावों पर भारी कांग्रेस के सवाल
Ka Kiye Ho: बिहार में कांग्रेस का अभियान 'का किए हो' ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है, 40 हज़ार से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं

पटना। बिहार की नीतीश सरकार ने उपलब्धियों के आसमानी दावे किए तो कांग्रेस ने कर दी चुटीले सवालों की बौछार। चुनावी माहौल में होने वाले इस सियासी घमासान की खास बात है इसका दिलचस्प अंदाज़ जो सोशल मीडिया पर लोगों को बेहद पसंद आ रहा है। खासतौर पर कांग्रेस की जवाबी मुहिम तो ट्विटर पर सुपरहिट हो गई है।
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने १३ अक्टूबर को 'बिहार में ई बा' नाम से अपनी उपलब्धियां गिनाने का अभियान शुरू किया तो जवाब में कांग्रेस ने रैप के अंदाज़ में 'का किए हो' नाम से मुहिम छेड़ दी। पार्टी इस अभियान के जरिए जेडीयू और बीजेपी से कोरोना वायरस, बेरोजगारी, गरीबी, बाढ़ इत्यादि मुद्दों पर सवाल पूछ रही है। इस अभियान को लेकर ट्विटर पर अब तक लगभग 40 हजार ट्वीट हो चुके हैं। देसी रैप के अंदाज़ में चलाई जा रही इस मुहिम की एक बानगी देखिए-
पूछत बा बिहार, बोलो नीतीश कुमार,
— INCBihar (@INCBihar) October 15, 2020
15 साल के राज में #का_किये_हो,
शिक्षा ना स्वास्थ्य, बढ़ते बेरोजगार,
अहंकार में चूर, सिर्फ ज़ख्म दिये हो। pic.twitter.com/MRwMCzdlzm
कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, "बिहार में 15 साल पहले के मुकाबले आज गरीबों की संख्या बढ़ चुकी है। बीजेपी जेडीयू की विफलता ने हर साल बिहार के लोगों को गरीबी में धकेला है।"
There are more poor people in Bihar today, than it were 15 yrs ago. Failures of BJP-JDU Govt has pushed people into poverty every year. #का_किये_हो
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) October 15, 2020
कांग्रेस ने यह भी कहा कि जेडीयू-बीजेपी की सरकार ने लोगों को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन नए रोजगार का सृजन तो दूर, उलटे लाखों लोगों की नौकरी चली गई।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा, "का किए हो? किसानों की आमदनी जीरो कर दिए हो। छोटी बातों पर गुंडा लोग तमंचा निकाल दिए हो। बच्चों को मजदूर बनाकर शिक्षा छीन लिए हो।"
#का_किये_हो It's the time for fact check of misdeeds of NitishKumar. pic.twitter.com/5dCjMh29Xl
— West Bengal Congress (@INCWestBengal) October 15, 2020
कांग्रेस पार्टी ने इस अभियान में महंगाई, बाल मजदूरी और भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए हैं। रैप में कहा गया, '15 साल में ई है हाल, इतनी धीमी है विकास की चाल।'
इसी तरह स्वास्थ्य को लेकर पार्टी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है, जबकि इस मामले में बिहार की स्थिति पूरे देश में बद्तर है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी के अनुसार अप्रैल में बिहार में बेरोजगारी दर 46.6 प्रतिशत थी। इसे लेकर भी कांग्रेस पार्टी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि आखिर क्या किए हो?
चुनावी मौसम में सियासी दावों और आरोपों का सिलसिला कोई नई बात नहीं है। लेकिन चुनावी घमासान का ये सिलसिला बिहार में बेहद दिलचस्प हो चला है।