प्रवक्ताओं को बदजुबानी से परहेज करने की सीख दे बीजेपी: अमर्यादित टिप्पणियों पर कांग्रेस की चेतावनी

बीजेपी प्रवक्ता ने सोनिया गांधी के लिए की थी अभद्र टिप्पणी, कांग्रेस बोली- यह महिलाओं के प्रति इनकी सोच को दर्शाता है, बीजेपी नेताओं की शर्मनाक टिप्पणी के लिए माफी मांगे प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा

Updated: Jul 24, 2022, 11:56 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर बीजेपी प्रवक्ता द्वारा अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। विपक्षी दल ने इसके लिए बीजेपी की महिला विरोधी सोच को जिम्मेदार बताया है। साथ ही पीएम मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से माफी की मांग की है। कांग्रेस ने सत्ताधारी दल को चेतावनी दिया है कि यदि वह अपने प्रवक्ताओं की जुबान पर लगाम नहीं लगाएंगे तो फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस संबंध में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भी लिखा है। जयराम रमेश के मुताबिक 23 जुलाई, 2022 को शाम पांच बजे एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर चर्चा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी के प्रति जिस अशोभनीय लहजे में अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। उन्होंने लिखा है कि, 'कांग्रेस पार्टी उस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करती है। संस्कारों की दुहाई देने वाली भाजपा के शीर्ष नेताओं व प्रवक्ताओं ने बार-बार देश की सम्मानित महिलाओं विशेष तौर पर एक राष्ट्रीय पार्टी की 75 वर्षीया सम्मानित अध्यक्ष के प्रति आपतिजनक भाषा का प्रयोग किया है।'

जयराम रमेश ने आगे लिखा है कि, 'विपक्ष की नेताओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा की महिला विरोधी सोच को दर्शाता है। इस प्रकार की आपतिजनक टिप्पणियों से देश की राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। महिलाओं का सम्मान वैदिक काल से भारत की महान परंपरा रही है, ऐसे में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा से राजनीति में शालीनता और महिलाओं के प्रति आदरपूर्ण आचरण स्वाभाविक रूप से अपेक्षित है किन्तु भाजपा ने अपनी भाषा और व्यवहार से हमें बार-बार निराश किया है।'

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नड्डा को संबोधित पत्र में कांग्रेस नेता ने लिखा कि, '
प्रधानमंत्री मोदी और आप से हमारी अपील है कि अपनी पार्टी के नेताओं की शर्मनाक और अशोभनीय बयानबाजी के लिए देश की महिलाओं से माफ़ी मांगें। साथ ही अपने प्रवक्ताओं व नेताओं को राजनीति की गरिमा को ठेस न पहुंचाने और अभद्र भाषा व बदजुबानी से परहेज़ करने की सीख दें। हमारी अध्यक्ष या अन्य किसी नेता के लिए अमर्यादित भाषा की पुनरावृति होने पर हम मानहानि के मुकदमे जैसे कानूनी कदम उठाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।'