कृषि क़ानूनों की तारीफ़ में आक्रामक प्रचार करेगी मोदी सरकार, क्या ऐसे दूर होंगी किसानों की शिकायतें
केंद्र सरकार 11 दिसंबर से कृषि कानूनों के समर्थन में देश के हर ज़िले में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बढ़ते असर ने मोदी सरकार को चिंता में डाल दिया है। किसानों के सख्त रवैये और उनके साथ बातचीत के दौरान कोई समाधान निकाल पाने में नाकामी के बाद अब सरकार आक्रामक प्रचार की रणनीति अपनाने जा रही है। अपनी इसी रणनीति के तहत मोदी सरकार 11 दिसंबर से कृषि कानूनों के समर्थन में देश के तमाम ज़िलों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल के जरिए किसानों को कृषि कानून के फायदों के बारे में बताया जाएगा। किसानों को ये समझाने की कोशिश होगी कि नया कृषि कानून दरअसल उनके लिए फायदेमंद है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी अपने इस अभियान के दौरान देश भर में किसान सम्मेलन, चौपाल और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगी।
Bharatiya Janata Party to organise press conferences and 'chaupals' in all the districts of the country on the new farm bills from today. 700 press conferences and 700 'chaupals' to be organised in the coming days. pic.twitter.com/9OGwfbmWO2
— ANI (@ANI) December 11, 2020
गौरतलब है कि हाल ही में मोदी सरकार ने नए कृषि कानूनों को फायदेमंद बताने के लिए एक पुस्तिका भी जारी की है। इस बुकलेट के जरिए भी बीजेपी ने किसानों को ये समझाने की कोशिश की है कि उन्हें नए कृषि कानूनों का विरोध नहीं बल्कि स्वागत करना चाहिए। बीजेपी इन उपायों के जरिए जी-जान से कोशिश कर रही है कि देश के किसान किसी भी तरह नए कृषि कानूनों को फायदेमंद मानकर उनका विरोध करना बंद कर दें। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी गुरुवार को लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐसी ही कोशिश की थी, लेकिन उसका कोई खास फायदा नहीं हुआ। उल्टे कुछ किसान नेताओं ने उन्हीं की कही बातों को सामने रखकर ये साबित कर दिया कि सरकार ने मान लिया है कि उसके कानून ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 16 वां दिन है। केंद्र द्वारा हाल ही में बनाए गए कृषि कानूनों में संशोधन करने के केंद्र के प्रस्तावों को खारिज करने के बाद किसान आर पार की तैयारी में हैं। किसान अब 12 दिसंबर को देशभर के टोल नाकों को फ्री करने की बात कह रहे हैं। इतना ही नहीं किसान 14 दिसंबर को देशभर में बीजेपी नेताओं के घेराव से लेकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने जैसी योजनाएं भी बना रहे हैं। वहीं किसान संगठनों ने 12 दिसंबर से दिल्ली की घेराबंदी बढ़ाने की चेतावनी भी दी है।