लोक गायिका नेहा सिंह राठौर पर देशद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज, सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मचा बवाल

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ में देशद्रोह समेत 10 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप है कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की, जिससे सांप्रदायिक तनाव और राष्ट्रीय एकता को खतरा हो सकता है।

Updated: Apr 28, 2025, 06:18 PM IST

Photo courtesy: Hindustan Times
Photo courtesy: Hindustan Times

लखनऊ| लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में देशद्रोह सहित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की 10 गंभीर धाराओं और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट साझा कीं, जो देश की एकता और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

शिकायत कवि अभय प्रताप सिंह द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें कहा गया है कि नेहा की पोस्टों ने न सिर्फ सांप्रदायिक तनाव फैलाने का प्रयास किया, बल्कि पाकिस्तान में भारत विरोधी प्रचार का माध्यम भी बनीं। पुलिस के अनुसार, राठौर की पोस्टों से धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच मतभेद को बढ़ावा मिल सकता है। वहीं, डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ट्विटर हैंडल से सामाजिक ताना-बाना तोड़ने वाले ट्वीट किए गए हैं, जिन पर कानूनी कार्रवाई जारी है।

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक, 16 यूट्यूब चैनलों को किया बैन

बीएनएस की धारा 152, जो देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने से जुड़ी है, इसके तहत नेहा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अब नए कानून में "राजद्रोह" शब्द नहीं है, लेकिन इससे मिलते-जुलते प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

नेहा सिंह राठौर ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि करते हुए एक्स पर कई पोस्ट साझा कीं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि इतने बड़े लोकतंत्र में एक मामूली लड़की सवाल नहीं पूछ सकती? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर करवा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास वकील की फीस तक देने के लिए पैसे नहीं हैं, और उनके खाते में मात्र 519 रुपये हैं।

नेहा ने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की साथ में बैठी तस्वीर भी साझा कर सवाल उठाया कि देश के खिलाफ जहर उगलने वाले अफरीदी से नजदीकी पर सरकार क्यों चुप है?

इस पूरे मामले पर जदयू सरकार के मंत्री जमा खान ने प्रतिक्रिया दी है कि गलत बयानी पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन समाज में भाईचारा बनाए रखना सबसे जरूरी है। बहरहाल, लोक गायिका के खिलाफ दर्ज यह मामला देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक आलोचना और सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर फिर से बहस छेड़ रहा है।