डेटा प्रोटेक्शन कानून लाकर RTI एक्ट को कमज़ोर करने की कोशिश, केंद्र सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एक तरफ भ्रामक प्रचार और दुष्प्रचार में भारत पिछले वर्षों से शीर्ष स्थान पर आ रहा है, दूसरी तरफ मोदी सरकार, कांग्रेस-यूपीए द्वारा लागू किए गए सूचना का अधिकार कानून को डेटा संरक्षण कानून लाकर कमजोर करने पर तुली हुई है।

Updated: Mar 04, 2025, 04:51 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार डेटा संरक्षण के नाम पर सूचना का अधिकार कानून (RTI) को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी और ऐसे प्रयास के खिलाफ संसद से सड़क तक आवाज उठाएगी।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, 'एक तरफ भ्रामक प्रचार और दुष्प्रचार में भारत पिछले वर्षों से शीर्ष स्थान पर आ रहा है, दूसरी तरफ मोदी सरकार कांग्रेस-यूपीए द्वारा लागू किए गए सूचना का अधिकार कानून को, डेटा संरक्षण कानून लाकर कमजोर करने पर तुली हुई है।'

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उन्होंने कहा कि चाहे सार्वजनिक क्षेत्र की जानकारी जैसे राशन कॉर्ड की सूची, मनरेगा के लाभार्थी मजदूर, जन-कल्याण की योजनाओं में शामिल लोगों के नाम, चुनाव में मतदाता सूची, या फिर सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले घोटालेबाज अरबपतियों के नाम हों, ये सब जनता के लिए सार्वजनिक रूप से सामने होना जरूरी है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार डेटा संरक्षण के नाम पर आरटीआई को कमजोर कर रही है, जिससे ऐसे नाम अब सार्वजनिक नहीं हो पाएंगे। खड़गे ने कहा, ‘निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और कांग्रेस ने उसके लिए लड़ाई लड़ी है, पर जहां जन कल्याण की बात आती है वहां सूचना का अधिकार जरूरी है। कांग्रेस के समय आए आरटीआई में भी निजता के अधिकार का ध्यान रखा गया था, पर इसका मतलब यह नहीं है कि लाभार्थी की सूची या घोटालेबाजों के नाम सार्वजनिक ना किए जाएं।'

खड़गे ने जोर दे कर कहा कि कांग्रेस पार्टी आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी इसके लिए आवाज उठाई है, और सड़क से संसद तक आवाज उठाते रहेंगे। इस तानाशाही सरकार से जन-जन के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए लड़ते रहेंगे।