अरुणाचल प्रदेश में जी-20 की बैठक से चीन का किनारा, श्रीनगर में आयोजित बैठक का भी कर रहा विरोध

चीन अरुणाचल प्रदेश की जी-20 बैठक से गायब रहा। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि चीन ने इस बैठक के खिलाफ आधिकारिक रूप से भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है या नहीं।

Updated: Mar 27, 2023, 10:59 AM IST

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की खतरनाक मंशा एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। यहां सूबे की राजधानी ईटानगर में रविवार को हुई जी-20 की बैठक से चीन ने खुद को अलग कर लिया। बताया जा रहा है कि चीन ने सांकेतिक तौर पर विरोध दर्ज कराने के लिए ऐसा किया है। हालांकि, अभी चीन का आधिकारिक बयान इस मसले पर नहीं आया है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में अन्य देशों की अच्छी उपस्थिति दिखी। अमेरिका सहित 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने G-20 रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग में भाग लिया। दरअसल, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत बताता है। यही कारण है कि इसे भारतीय राज्य के रूप में नहीं मानता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चीन ने आधिकारिक तौर पर इसको लेकर  बयान दर्ज कराया है या नहीं। क्योंकि अब तक चीन भारत के जी-20 अध्यक्षता को समर्थन देते आया है। 

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इस कड़ी में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत भी की थी। बता दें कि पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने से पहले से ही भारत ने कहा था कि वह जी-20 को देश के सभी कोनों में ले जाएगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने भी हाल ही में कहा था कि सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 से जुड़ी अलग-अलग बैठकें होंगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत मई में जम्मू और कश्मीर में जी-20 बैठक की मेजबानी करेगा। यह बैठक संस्कृति और उसके आदान-प्रदान पर होगी। हालांकि, अब इस बैठक को लेकर भी पाकिस्तान और चीन ने गुटबाजी शुरू कर दी है। श्रीनगर में प्रस्तावित बैठक की मेजबानी करने से रोकने के लिए पाकिस्तान, चीन, तुर्की और सऊदी अरब पैरवी कर रहे हैं। श्रीनगर में प्रस्तावित बैठक का विरोध करने वाले ये सभी देश जी-20 के सदस्य हैं।