मध्यप्रदेश में दीपावली के बाद बढ़ा वायु प्रदूषण, कई शहरों में AQI खतरे के स्तर पर पहुँचा
दीपावली के बाद मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है।
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दीपावली के बाद मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। इंदौर, उज्जैन, रतलाम जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुँच गया है, जबकि दमोह में यह रात 12 बजे 299 दर्ज किया गया। कई शहरों में हवा की गति के कारण आतिशबाजी के बावजूद AQI में कमी देखी गई है, क्योंकि तेज हवा चलने से प्रदूषित कणों का फैलाव होता है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, उज्जैन और देवास में क्रमश: 314, 362, 315, 342, 370, 322 और 316 AQI दर्ज किया गया, जो सभी खतरे के निशान से ऊपर है।
भोपाल में लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम के अनुसार, गुरुवार को पर्यावरण परिसर में AQI 284 था, जबकि टीटी नगर में सुबह 238 और शाहपुरा इलाके में दोपहर 176 दर्ज किया गया। देर रात यह 314 पर पहुँच गया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, शहरों में पर्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5, जो धूल के बारीक कण हैं, वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बन रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सर्दियों और आतिशबाजी से उत्पन्न वायु व ध्वनि प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की संभावना को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। विभाग के अनुसार, प्रदूषण से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वायु में हानिकारक तत्व जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पर्टिकुलेट मैटर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि भारत में कुल मौतों का 18 प्रतिशत हिस्सा वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 200 से 500 AQI के बीच का स्तर खतरनाक होता है और इससे आंखों, गले, त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, तेज पटाखों की आवाज से सुनने में कठिनाई, कानों में घंटी बजना और नींद में खलल जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।