लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है प्रेस की आज़ादी: CJI चंद्रचूड़

सीजेआई ने कहा कि मीडिया को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सूचना के सरलीकरण में उसकी सटीकता न गौण हो जाए

Updated: Mar 23, 2023, 11:20 AM IST

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रेस की आज़ादी और लोकतंत्र में मीडिया के सहयोग को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा है कि प्रेस की आज़ादी एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बहुत अहम कड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने फेक न्यूज़ के चलते दो समुदायों के बीच पनपने वाले तनाव को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न होना लोकतंत्र के लिए घातक है और फेक न्यूज़ के प्रसार की इसमें सबसे बड़ी भूमिका होती है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह बातें बुधवार को रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही। सीजेआई ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के साथ साथ इसका अभिन्न अंग भी है। सीजेआई ने कहा कि एक जीवित लोकतंत्र की यह ज़िम्मेदारी है कि वह पत्रकारिता को इस रूप में प्रेरित करे कि वह सत्ता से सवाल कर सके। अगर प्रेस को ऐसा करने से रोका गया तो यह लोकतंत्र की जीवंतता के साथ समझौता करने के समान होगा। देश में लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए प्रेस को आज़ादी देनी ही होगी। 

सीजेआई ने कहा कि मीडिया जटिल सूचनाओं का सरलीकरण करता है ताकि आम लोग सूचना को समझ सकें। हालांकि इस प्रक्रिया में यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसके चलते सूचना की सटीकता समाप्त न हो जाए। सीजेआई ने कहा कि मीडिया ट्रायल एक ऐसा पहलू है जिससे मीडिया को बचना चाहिए क्योंकि यह किसी को अदालत के फैसले से पहले ही दोषी करार दे देता है जिससे पीड़ित व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि महामारी के दौरान मीडिया ने काफी सराहनीय काम किया। उसने आम लोगों तक तमाम ज़रूरी सूचनाएं पहुंचाई। कई बार कोर्ट ने मीडिया की रेपो पर भरोसा करते हुए स्वतः संज्ञान लिया। सीजेआई ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर हम पत्रकार से असहमत हो सकते हैं लेकिन असहमति के विचार को नफ़रत में तब्दील करने से हमें बचना चाहिए।

सीजेआई ने डिजिटल दौर में फेक न्यूज़ के खतरे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि गलत सूचनाएं दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की कारक होती हैं और इससे लोकतंत्र को भी आघात पहुंचता है।

सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा इंडियन एक्सप्रेस के संपादक राजकमल झा का उद्बोधन भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। राजकमल झा ने अपने संबोधन की शुरुआत में सीजेआई की मौजूदगी में कहा कि यहां कुछ भी सील्ड कवर में नहीं है। राजकमल झा के इतना कहते ही कार्यक्रम में मौजूद लोग हंस पड़े। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित कई नेता मौजूद थे। राजकमल झा ने इस दौरान मीडिया पर हुए हमले का मामला भी उठाया। उन्होंने पत्रकारों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर भी आवाज़ उठाई।