आप भी कभी टीचर थीं, बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में हस्तक्षेप के लिए राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि आप पश्चिम बंगाल के उस शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करें जिनकी नौकरी को पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने रद्द किया और फिर इस सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की है। राहुल गांधी चाहते हैं कि निष्पक्ष रूप से चुने गए उम्मीदवारों को नौकरी पर बने रहने दिया जाए। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हजारों शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए राहुल गांधी का यह अहम पहल माना जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, ‘मैंने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में उनकी दयालु हस्तक्षेप की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रद्द करने के बाद अपनी नौकरी खो दी है। मैंने उनसे आग्रह किया है कि सरकार को निर्देश दें कि जो उम्मीदवार निष्पक्ष तरीके से चुने गए थे, उन्हें अपनी नौकरी पर बने रहने की अनुमति दी जाए।'
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राहुल गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वह सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि जिन उम्मीदवारों ने निष्पक्ष तरीके से चयन प्रक्रिया पास की थी, उनकी नौकरी बरकरार रहे। राहुल गांधी ने ऐसे वक्त पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि जब तक जिंदा हूं, किसी की नौकरी नहीं जाएगी। ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अदालत का सम्मान करती हैं लेकिन फैसले को नहीं मानेंगी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि आप पश्चिम बंगाल के उस शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करें जिनकी नौकरी को पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने रद्द किया और फिर इस सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मैडम आपने खुद एक शिक्षक के रूप में सेवा की है। मुझे यकीन है कि आप इस अन्याय की भारी मानवीय कीमत को समझती हैं। शिक्षकों, उनके परिवारों और उनके छात्रों के लिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया उनके अनुरोध पर अनुकूल रूप से विचार करें और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निष्पक्ष साधनों के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2016 में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। कांग्रेस सांसद ने कहा कि फैसले के बाद से, शिक्षकों के साथ-साथ बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों ने किसी भी तरह के निवारण की उम्मीद लगभग छोड़ दी है। गांधी ने कहा कि दागी और बेदाग दोनों तरह के शिक्षकों ने अपनी नौकरी खो दी है। भर्ती के दौरान किए गए किसी भी अपराध की निंदा की जानी चाहिए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि निष्पक्ष तरीके से चुने गए शिक्षकों के साथ दागी शिक्षकों के बराबर व्यवहार करना एक गंभीर अन्याय है।