कांग्रेस ने दी शहीद किसानों को श्रद्धांजलि, शाम 6 बजे देश भर में जलाए गए दिये

आज शाम 6 बजे किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों को कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि, सोशल मीडिया पर कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में छेड़ा अभियान, टॉप ट्रेंड हुए कांग्रेस के दोनों हैशटैग

Updated: Jan 09, 2021, 12:48 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के अड़ियल रुख के बीच कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में देशभर में चल रहे अभियान को तेज कर दिया है। कांग्रेस ने आज देश भर में आंदोलन के दौरान शहीद हुए 60 से ज्यादा किसानों को श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस के इस अभियान के तहत देशभर के किसानों, आम लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाम 6 बजे 6 मिनट तक दीप जलाकर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी।

कांग्रेस ने आज सुबह से ही सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन में अभियान छेड़ रखा था। इस दौरान कांग्रेस के दो हैशटैग '6 बजे 6 मिनट' और 'किसानों के लिए बोले भारत' टॉप ट्रेंडिंग रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा, 'मोदी सरकार ने अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है। आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं। अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी माँगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है।'

 

 

राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, 'शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है। आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों।'

 

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों के समर्थन में कहा कि, 'किसान अपनी MSP के लिए आवाज उठाएगा तो छज्जे गिराने की धमकी दी जाएगी। यूपी में सरकारी गड़बड़ी की वजह से 7.5 लाख से अधिक किसानों को 'सम्मान निधि' नहीं मिली, लेकिन सरकार ने किसान आंदोलन रोकने के लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं। भाजपा किसान का ऐसे सम्मान करती है।'

 

हम मरेंगे या जीतेंगे

केंद्र के टालमटोल रवैए के बीच किसान नेताओं ने भी अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। किसान संगठनों की ओर से वार्ता में शामिल किसान नेता बलवंत सिंह ने अपने टेबल पर डायरी में पंजाबी में लिख रखा था कि हम मरेंगे या जीतेंगे। किसान नेताओं की यह दृढ़ता साफ दिखा रही है कि ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। 

 

26 जनवरी की परेड पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार

किसान नेताओं के साथ आज आठवें दौर की बातचीत खत्म होने के बाद किसानों ने यह भी स्पष्ट किया है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर परेड की अपील पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अब भी कायम है। गौरतलब है कि देशभर के किसान पिछले 44 दिनों से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। इस दौरान ठंड और बारिश के कारण 60 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके केंद्र सरकार उनकी मांगों को मानने से इनकार कर रही है।

केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठन के नेताओं के बीच अबतक आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अब इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर से किसानों को 15 जनवरी को नौंवें दौर की बातचीत के लिए बुलाया है।