UP में रची गई थी रांची में हिंसा फैलाने की साजिश, युवाओं को भड़काने के लिए पहुंची थी 12 लोगों की टीम

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 4 और 7 जून को 12 लोग रांची पहुंचे थे, इन्होंने होटलों में अपना कमरा लिया था, इनका काम था मुस्लिम युवाओं के मन में गुस्सा और नफरत पैदा करना, युवक बहकावे में आ गए और पत्थरबाजी का प्लाॅट तैयार हो गया

Updated: Jun 12, 2022, 08:32 AM IST

Photo Courtesy: Jagran
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रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शहर में हिंसा फैलाने की पटकथा 6 दिन पहले ही लिख दी गई थी। हिंसा फैलाने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 12 सदस्यीय टीम रांची पहुंची थी। इन लोगों का काम था मुस्लिम युवाओं के मन में गुस्सा और नफरत पैदा करना। इनकी बातें सुनकर स्थानीय युवक बहकावे में आ गए और पत्थरबाजी का प्लाॅट तैयार हो गया।

जानकारी के मुताबिक सहारनपुर से ये टीम 4 और 7 जून को रांची पहुंची थी। ये लोग मेन रोड पर स्थित होटलों में रुके थे। यहां चार-चार लोगों तीन टीमें बनीं। एक टीम खूंटी गई थी। इन्होंने इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में बैठक कर लोगों को जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए भड़काया। वे खुद को मुस्लिम बता रहे थे और कौम का हवाला देकर लोगों को उकसा रहे थे।

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इस टीम ने पेशेवर तरीके से अलग-अलग जगह बैठक कर लोगों को भड़काया। कहा कि देश में मुस्लिमों को परेशान किया जा रहा है। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी। पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ हमें विरोध करना है। सभी मस्जिदों से जुलूस निकाले जाएं। हालांकि, इन सुझावों पर सहमति नहीं बनी। स्थानीय लोगों ने इसपर आपत्ति की तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं काे फांसना शुरू कर दिया।

चूंकि, समझदार लोग प्रदर्शन और जुलूस के लिए तैयार नहीं हुए तो इस टीम ने स्थानीय छुटभैयों को पकड़ा और उनकी मदद से युवाओं को फंसाया। युवाओं को अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का जिम्मा दिया। फिर सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया कि शुक्रवार को नमाज के बाद डोरंडा रिसालदार बाबा मैदान, राजेंद्र चौक, रतन टॉकीज और छोटा तालाब के पास इकट्‌ठा हों। नूपुर शर्मा का पुतला फूंकना है। 

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मुस्लिम समाज के बुजुर्गों और जिम्मेदार लोगों को विरोध की तैयारी की भनक लग गई थी। ऐसे में एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने समाज के लोगों से आह्वान किया कि नमाज के बाद जुलूस नहीं निकलेगा। प्रदर्शन नहीं होगा। इसलिए नमाज पढ़कर सीधे घर जाएं। लेकिन वॉट्सग्रुप पर फिर मैसेज वायरल हुआ कि हमें किसी भी हाल में प्रदर्शन करना है। नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग बिना अनुमति के ही प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने रोका तो भीड़ उग्र हो गई और पत्थरबाजी शुरू हो गई।

यूपी से आई टीम ने ही ईंट-पत्थर भी जुटाए थे। उन्होंने कुछ युवकों की मदद से ईंटो को तोड़कर कर कई स्थानों पर रख दिया था, ताकि जब जहां हों वहां से पत्थरबाजी कर सकें। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन उपद्रव और हिंसक घटनाओं की जांच के लिए  दाे सदस्यीय कमेटी गठित की है। आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ काैशल की अध्यक्षता वाली कमेटी में एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर काे शामिल किया गया है। यह कमेटी एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपाेर्ट पेश करेगी।