भीषण गर्मी में जहरीली हुई दिल्ली की आबो-हवा, धूल भरी आंधी से AQI 400 के पार
देश की राजधानी में पारा के साथ वायु प्रदूषण से लोगों की हालत खराब है। दिल्ली में एयर क्वालिटी गिरकर 500 तक पहुंच गई थी। आज भी कई जगहों पर वायु गुणवत्ता 400 के पार थी।

नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। लगातार दूसरे दिन भी एक्यूआई में वृद्धि हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब रही। कई क्षेत्रों में AQI 400 के आंकड़े को पार कर गया था। आज सुबह इंडिया गेट के आसपास AQI 249 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने भी इस पर चिंता जताई है।
बताया जा रहा है कि मई में कुछ दिनों से दिल्ली में धूल भरी आंधी और मौसमी परिस्थितियों की कमी के कारण हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। बीते दिन खराब हवा की गुणवत्ता के कारण दिल्ली का AQI कुछ समय के लिए 500 के आंकड़े को पार कर गया था, जो खतरनाक स्तर को दर्शाता है।
Sameer ऐप के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 7:05 बजे तक शहर के कई हिस्सों में AQI के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। अशोक विहार 322, मुंडका 406, नरेला 305, पटपड़गंज 315, रोहिणी 331 और वजीरपुर 410 के साथ टॉप पर रहा। राजधानी दिल्ली की 21 इलाकों में AQI लेवल 300 से ऊपर और 400 के बीच में बना हुआ है। अलीपुर में 352, आनंद विहार में 362, आया नगर में 328, मथुरा रोड में 344, DTU में 365, द्वारका सेक्टर 8 में 388, दिलशाद गार्डन में 334 और जहांगीरपुरी में 353 अंक बना हुआ है।
मौसम विभाग ने दिल्ली में आज भी आंधी और हल्की बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में पारा चढ़ रहा है. गुरुवार को पारा 42 डिग्री पहुंच गया था। वहीं, गर्म पछुआ हवाएं गर्मी की फील को और भी बढ़ा रही थी।मौसम विज्ञानियों ने वायु प्रदूषण के कई कारण बताए हैं। उनके अनुसार, पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों से उठा धूल भरा तूफान दिल्ली तक पहुंच रहा है।
इसके अलावा, गर्मी में कम हवा की गति और नमी की कमी के कारण दिल्ली में प्रदूषक तत्व हवा में जमा हो रहे हैं। दिल्ली में सड़क की धूल, निर्माण कार्य और वाहनों का उत्सर्जन भी AQI को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। प्रदूषण बोर्ड ने लोगों को मास्क पहनने और धूल भरे वातावरण में जाने से बचने की सलाह दी है। सरकार ने नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव बढ़ाने की योजना बनाई है, लेकिन स्थायी समाधान की कमी चिंता का विषय बनी हुई है।