पश्चिम बंगाल में टकराया Cyclone Amphan
बंगाल और ओडिशा में करीब साढ़े चार लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

चक्रवात से महाचक्रवात में तब्लीद हुआ अम्फान तूफान बंगाल में भारतीय तट से टकरा गया है. कोलकाता मौसम विभाग के मुताबिक यह दोपहर में करीब 2.30 बजे टकराया और यह करीब चार घंटे तक जारी रहेगा।
यह चक्रवाती तूफान 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में खड़ा हुआ सबसे भीषण तूफान है।
The landfall process commenced since 2:30 PM, will continue for about 4 hours. The forward sector of the wall cloud region is entering into land in West Bengal: Director, IMD Bhubaneswar #CycloneAmphan pic.twitter.com/bbAznoaz3f
— ANI (@ANI) May 20, 2020
वहीं अम्फान महाचक्रवात के चलते करीब साढ़े चार लाख लोगों को बचाव अभियान के तहत राहत बचाव केंद्रों में भेज दिया गया है. इनमें से करीब सवा लाख लोग ओडिशा के हैं और करीब साढ़े तीन लाख लोग बंगाल के. एनडीआरएफ प्रमुख एसएन प्रधान ने यह जानकारी दी. हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 53 टीमें तैनात की गई हैं।
बांग्लादेश की सरकार ने भी 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है और हालात का सामना करने के लिए सेना को तैनात किया है।
About 4.5 lakh people have been evacuated from vulnerable areas in West Bengal and Odisha ahead of landfall of cyclonic storm 'Amphan': NDRF chief S N Pradhan
— Press Trust of India (@PTI_News) May 20, 2020
इससे पहले मौसम विभाग ने बताया कि महाचक्रवात अम्फान पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराने ही वाला है. वहीं कोलकाता और ओडिशा और तटीय जिलों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं. मौसम विभाग ने बताया कि तूफान कभी भी सुंदरबन के पास टकरा सकता है.
तूफान के टकराने से पहले तेज हवाओं की वजह से ओडिशा के कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ. जगह-जगह पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभों से लेकर सब-स्टेशनों में भी नुकसान हुआ. ओडिशा के पारादीफ में 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई. कुछ यही हाल प्रदेश की राजधानी भुवनेश्वर का रहा.
मौसम विभाग ने सुबह बताया कि ‘अम्फान’ के सुंदरवन पहुंचने के बाद उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ने और इसके पूर्वी सिरे के कोलकाता के निकट से गुजरने की संभावना है जिससे शहर के निचले इलाकों में भारी नुकसान होने और बाढ़ आने की आशंका है।
विभाग ने आगे बताया कि इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल के नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों से गुजरने की संभावना है और इसके बाद यह 21 मई की दोपहर को बांग्लादेश में गहरे दबाव के रूप में पहुंचेगा।