खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी, हालत नाजुक, विनेश बोलीं- देश में इमरजेंसी जैसे हालात

डल्लेवाल ने आमरण अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया है। खनौरी बॉर्डर पर बिस्तर पर लेटे-लेटे ही डल्लेवाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से खुदकुशी कर रहे किसानों की जिंदगी मेरे जीवन से ज्यादा कीमती है।

Updated: Dec 15, 2024, 06:24 PM IST

नई दिल्ली। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कर्जमाफी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 20 दिन से आमरण अनशन पर हैं। उनकी हालत नाजुक होती जा रही है लेकिन उन्होंने अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया है। 

खनौरी बॉर्डर पर बिस्तर पर लेटे-लेटे ही डल्लेवाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से खुदकुशी कर रहे किसानों की जिंदगी मेरे जीवन से ज्यादा कीमती है। रविवार को पहलवान से नेता बनीं विनेश फोगाट खनौरी बॉर्डर पहुंची। उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात कर उनकी तबीयत पूछी। उन्होंने देशभर के लोगों से हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की। 

विनेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि देश में इमरजेंसी की स्थिति है और सरकार को इसका समाधान निकालना होगा। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल दूसरों के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब, हरियाणा और पूरे देश के लोगों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह करती हूं। देश में आपातकाल जैसी स्थिति है।

विनेश ने कहा कि सरकार को इसका हल निकालना होगा और पीएम मोदी बहुत बड़े-बड़े भाषण देते हैं, कल भी उन्होंने संसद में भाषण दिया, लेकिन अब भाषण देने के अलावा भी कुछ करना होगा। हम सभी को यह दिखाने के लिए आगे आने की जरूरत है कि हम एकजुट हैं।

वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मांगें अभी भी वही हैं और केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत के लिए जोर दिया। चढूनी ने कहा कि किसान चुपचाप विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है। सरकार को किसानों को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जो लोग पहले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध में शामिल थे, अगर वे इस विरोध में शामिल होते हैं, तो विरोध का वजन बढ़ जाएगा।

बताया जा रहा है कि शनिवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी को किसान आंदोलन की जानकारी दी गई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। PM मोदी के एक्टिव होने के बाद माना जा रहा है कि केंद्र की तरफ से किसानों की मांगों को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है।