मदद में जुटे श्रीनिवास से पूछताछ, राहुल गांधी बोले- बचाने वाला हमेशा मारने वाले से बड़ा होता है

कोविड-19 संकट काल में जरूरतमंदों की मदद करने को लेकर क्राइम ब्रांच ने यूथ कांग्रेस अध्यक्ष से की पूछताछ, प्रियंका गांधी बोलीं- यदि मदद करना जुर्म है तो ये जुर्म बार-बार करेंगे

Updated: May 14, 2021, 01:25 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
Photo Courtesy: Twitter

नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में लोगों की मदद में जुटे यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी से दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की है। क्राइम ब्रांच की टीम ने कहा है कि श्रीनिवास के खिलाफ अवैध रूप से मरीजों को दवाएं दिए जाने को लेकर पूछताछ हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की मदद कर सुर्खियों में आए श्रीनिवास से पूछताछ को लेकर देशभर के लोग आक्रोशित हो गए हैं। ट्वीटर पर श्रीनिवास के समर्थन में देश के लाखों लोगों ने मुहिम छेड़ दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी खुले तौर पर श्रीनिवास के समर्थन में उतर आए हैं। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, 'बचाने वाला हमेशा मारने वाले से बड़ा होता है।' 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि यदि लोगों की मदद करना जुर्म है तो हम बार-बार यह अपराध करेंगे। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'यदि किसी जरूरतमंद की मदद करना अपराध है तो मैं बार-बार इस अपराध को दोहराउंगी। मेरे ख्याल से लोगों को चुपचाप तड़प-तड़पकर मरते देखते रहना और कुछ नहीं करना कहीं ज्यादा बड़ा अपराध है।' 

हम डरने वाले नहीं- श्रीनिवास

पुलिस द्वारा पूछताछ के बाद खुद यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास भी मीडिया के सामने आए हैं। श्रीनिवास ने कहा है कि हम डरने वाले नहीं हैं। युवा नेता ने कहा, 'हमने कुछ भी गलत नहीं किया। यदि हमारा एक प्रयास किसी की जान बचाता है तो हमें इस तरह के पूछताछ से डरने की जरूरत नहीं है। दरअसल, श्रीनिवास और उनकी टीम पर आरोप लगाया गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में वे आवश्यक दवाइयों का वितरण अवैध रूप से कर रहे हैं। 

देशवासियों के नाम कांग्रेस का संदेश

इस पूरे प्रकरण के बाद कांग्रेस ने देशवासियों के नाम एक छोटा सा संदेश जारी किया है। कांग्रेस ने देश के लोगों को विश्वास दिलाया है कि मदद का ये सिलसिला नहीं रुकेगा। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'इंडिया, चिंता की कोई बात नहीं है, हमें कुछ भी डरा नहीं सकता। चाहे जो हो जाए, हम आपकी सेवा में लगे हैं।' 

कांग्रेस ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि, 'क्या खुद को निस्वार्थ भाव से देश की सेवा में समर्पित कर देना कोई गुनाह है। हम बिजेपी से उस विरासत को समझने की उम्मीद कर भी कैसे सकते हैं, जो उन्हें कभी मिली ही नहीं।' कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस से चार सवाल पूछा है। कांग्रेस में पूछा, 'क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने की वजह से मर रहे लोगों को बचाना अपराध है? क्या ऑक्सीजन देकर लोगों की सांसें बचाना अपराध है? क्या जरूरतमंद मरीजों को बेड और वेंटिलेटर दिलाना अपराध है? या मरीजों तक दवा पहुंचाना कोई अपराध है?' 

गौरतलब है कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास की टीम देशभर में मरीजों तक यथासंभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है। ऐसे हजारों लोग हैं जिनकी मदद श्रीनिवास ने की और आज वे सोशल मीडिया पर देश के नायक कहे जा रहे हैं। मदद के दौरान विवाद तब उत्पन्न हुआ जब विदेशी दूतावास भी सरकार से मदद मांगने के बजाए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए श्रीनिवास से गुहार लगाने लगे और युवा नेता ने उन्हें ऑक्सीजन भी दिलाई। 

न्यूजीलैंड और फिलीपींस के दूतावासों में श्रीनिवास द्वारा ऑक्सीजन पहुंचाए जाने के बाद विदेशों में केंद्र सरकार की जमकर आलोचना हुई। हद तो तब हो गई जब केंद्रीय मंत्रियों ने भी अपने परिजनों की जान बचाने के लिए यूथ कांग्रेस की मदद ली। ऐसे में मीडिया में केंद्र सरकार की नाकामियों का ढिंढोरा पीटा जाने लगा। इसी बीच यह खबर आई कि केंद्र सरकार ने श्रीनिवास के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं और आज आखिरकार उनसे पूछताछ भी की गई।

यह भी पढ़ें: कोरोना से तबाही पर बोले पीएम मोदी, मैं भी देशवासियों का दर्द महसूस कर रहा हूं

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि श्रीनिवास के फ्रंटफुट पर आकर लोगों की मदद करने से केंद्र सरकार और बीजेपी की भद पिटी है। ऐसे में पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं के ईगो को ठेस पहुंचा और फलस्वरूप यह जांच बिठाई गई है। ऐसे में अब यह समझ से बाहर है कि जब किसी का जान जोखिम में हो तब उसे बचाने के लिए किए गए प्रयास वैध या अवैध की श्रेणी में कैसे आ सकते हैं। वो भी तब जब देश का संविधान भारत के हर नागरिक को राइट टू लिव यानी जीने का अधिकार देता है। बहरहाल, इस जांच का निष्कर्ष क्या होगा और इससे यूथ कांग्रेस के इस मुहिम पर कितना फर्क पड़ता है यह भविष्य के गर्भ में है।