डगमगा रही तानाशाह की कुर्सी, मोदी ने गिराई पद की गरिमा, हेटस्पीच मामले में PM की चौतरफा आलोचना

पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं: राहुल गांधी

Updated: Apr 22, 2024, 11:19 AM IST

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। फर्स्ट फेज में मतदान प्रतिशत में कमी ने भाजपा को परेशान कर दिया है। स्थिति ये है कि भाजपा अब फिर से सांप्रदायिकता की पिच पर लौट गई है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी द्वारा मुसलमानों के खिलाफ जहरीले भाषण से की गई। पीएम मोदी के इस हेटस्पीच को लेकर विपक्ष ने उनपर तीखे प्रहार किए हैं।

राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को पीएम मोदी ने कहा, 'पहले जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने कहा था देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्‌ठी करके किसको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे।'

प्रधानमंत्री के इस विवादास्पद स्पीच पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में INDIA जीत रहा है। मोदी जी ने जो कहा वो Hate Speech तो है ही, ध्यान भटकाने की एक सोची समझी चाल है। प्रधानमंत्री ने आज वही किया जो उन्हें संघ के संस्कारों में मिला है। सत्ता के लिए झूठ बोलना, बातों का अनर्गल संदर्भ बनाकर विरोधियों पर झूठे आरोप मढ़ना यह संघ और भाजपा की प्रशिक्षण की ख़ासियत है।' 

खड़गे ने आगे कहा, 'देश की 140 करोड़ जनता अब इस झूठ के झाँसे में नहीं आने वाली। हमारा घोषणापत्र हर एक भारतीय के लिए है।सबकी बराबरी की बात करता है। सबके लिए न्याय की बात करता है। कांग्रेस का न्याय पत्र सच की बुनियाद पर टिका है, पर लगता है Goebbels रूपी तानाशाह की कुर्सी अब डगमगा रही है। भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को इतना नहीं गिराया, जितना मोदी जी ने गिराया है।' 

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं। कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी मेनिफेस्टो’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं। देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोज़गार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा। भारत भटकेगा नहीं।'