तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी, मिला आटा दाल चना, वरुण गांधी का केंद्र पर तीखा हमला

अक्सर अपनी ही सरकार को घेरने वाले पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। वरुण गांधी ने कहा कि हमें मुफ्त में राशन नहीं चाहिए। हमें स्थायी रोजगार चाहिए।

Updated: Nov 21, 2023, 01:14 PM IST

पीलीभीत। बीजेपी सांसद वरुण गांधी लगातार अपनी ही सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। वरुण गांधी ने एक बार भी पीलीभीत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा मुफ्त राशन बांटने के मामले में हमला बोला है। वरुण गांधी ने शायराना अंदाज में कहा कि तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी, मिला आटा, दाल, चना।

बीजेपी सांसद वरुण गांधी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे थे। इस दौरान वरुण गांधी ने बीसलपुर तहसील क्षेत्र में कई जनसभाओं को संबोधित किया। मझगवां गांव में वरुण गांधी ने जनता से संवाद करते हुए कहा कि आम आदमी के लिए देश में न तो लोन उपलब्ध है और न ही नौकरियां। 

वरुण गांधी ने कहा कि देश में उद्योगपतियों के लिए आसानी से कई हजार करोड़ रुपये मिल जाते हैं, जबकि एक आम आदमी को जरा से लोन के लिए बैंक के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। वरुण गांधी ने कहा कि तब भी बैंक में बैठा आदमी जब तक टेबल के नीचे से लक्ष्मी दर्शन नहीं कर लेता, तब तक आम आदमी का काम नहीं होता।

वरुण गांधी ने कार्यक्रम के दौरान सरकार द्वारा मुफ्त बांटे जा रहे राशन को लेकर भी हमला बोला। वरुण गांधी ने कहा कि सरकार रिक्त पदों पर भर्ती इसलिए नहीं ला रही, क्योंकि सरकार पैसा बचाना चाहती हैं और बचाए हुए पैसे से सरकार मुफ्त में राशन बांट रही है। वरुण ने कहा कि मैंने एक शायरी सोची है "तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी, मिला आटा दाल चना।"

वरुण गांधी ने कहा, "हर नौकरी आज संविदा पर दी जा रही है। इस सभा में भी कई संविदाकर्मी बैठे हैं। सब खून के आंसू रो रहे हैं। सालों से उनका मानदेय नहीं बढ़ा, उन्हें स्थायित्व नहीं दिया गया, काम पूरा लिया जाता है और मान-सम्मान स्थायित्व कुछ है नहीं। अग्निवीर योजना आई, तो वरुण गांधी ने सबसे पहले उसका खुला विरोध किया।"

वरुण गांधी ने कहा, "अगर आपके गांव का युवक सरहद पर जाता है और देश की सीमा की रक्षा करता है तो क्या ये सम्मान की बात है या नहीं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि जब वो लड़का चार साल बाद निकाल दिया जाएगा और वो आर्मी की वर्दी पहनकर आएगा और मजदूरी करेगा तो क्या इससे उस पर मानसिक असर पड़ेगा या नहीं। देश चलाना कोई मजाक नहीं है। ये संवेदनशील और गहरा काम है। आज महंगाई कितनी बढ़ गई है।"