उद्योगों के मुनाफे के लिए बदल दिए श्रम कानून,श्रमिकों की चिंता नहीं

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विज सिंह ने सिंह ने लिखा है कि श्रम नियमों में बदलाव श्रमिकों के शोषण का एक नया रास्ता खोलेगा।

Publish: May 09, 2020, 09:16 AM IST

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विज सिंह ने श्रमिकों से 8 की जगह 12 घंटें काम करवाने के प्रदेश सरकार के फैसले सहित श्रम कानूनों में बदलाव की आलोचना करते हुए मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। सिंह ने लिखा है कि प्रदेश के औद्योगिक विकास की दर को फिर गति देने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। उद्योगों को गति देने के बहाने आप उद्योगपतियों के हित में निर्णय लेकर मजदूर, श्रमिक विरोधी नियमों को प्रदेश में लागू कर रहे है। आपने उद्योगों, कारखानों में काम करने वाले मजदूरो, श्रमिकों के लिये काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने का फैसला कर लिया है। भले ही इसमें मजदूरों की सहमति का प्रावधान रखा गया हो लेकिन उद्योगपति और कारखाना मालिक इन नियमों की आड़ में उनका शोषण करेंगे। यह अंतराष्ट्रीय श्रम कानून के भी विरुद्ध होने के साथ-साथ अमानवीय भी है। राज्य शासन द्वारा ऐसा फैसला लेने से श्रमिक वर्ग के शोषण के साथ उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन भी होगा। आपका यह फैसला श्रमिकों के शोषण का एक नया रास्ता खोलेगा।

सिंह ने लिखा है कि क्या मजदूर विरोधी ऐसे फैसले लेने से पहले आपने श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कोई चर्चा की थी? मुझे आश्चर्य है कि आपने 6 मई 2020 को प्रदेश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों से तो चर्चा कर ली और उनकी इच्छानुसार नियम निर्देश बदलने का फैसला कर लिया पर किसी भी श्रमिक संगठन से इतने बड़े फैसले को लेने से पहले चर्चा करना तक उचित नही समझा और उनकी सहमति के बगैर उन पर यह अन्यायपूर्ण कानून लाद दिया। आपने औद्योगिक विवाद अधिनियम को भी 100 मजदूरों की जगह 300 मजदूरों पर लागू कर दिया है जिससे मजदूरों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आपने मजदूर दिवस के अवसर पर "श्रमिकों के श्रम से राष्ट्र उत्थान" की बात की थी, लेकिन वास्तव में आपने श्रम कानूनों में मनमाने परिवर्तन करके मजदूर विरोधी काम किया है। कोरोना की मार और भूख की हाहाकार के कारण जैसे-तैसे प्राण बचाकर फिर से जीने का प्रयास करने वाले मजदूरों के प्रति आपने असंवेदनशील निर्णय करके उनके लिये अब धीरे-धीरे पूर्णतः बर्बाद होने का प्रबंध कर दिया है।

सिंह ने कहा है कि मजदूरों का शोषण करने वाली व्यवस्था से उनको बचाने के लिये श्रमिक संगठनों से चर्चा की जाये, श्रमिकों के काम के घंटे बढ़ाने के निर्णय पर पुनर्विचार कर उसे युक्तियुक्त किया जाये तथा बलपूर्वक काम करने को मजबूर करने वाले सभी नियमों को वापस लिया जाए।