भोपाल में 10 फीसदी बढ़ा प्रॉपर्टी टैक्स, पानी भी हुआ महंगा, शहर सरकार ने पेश किया 3611 करोड़ का बजट
प्रॉपर्टी टैक्स और जल कर में बढ़ोतरी पर नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि धारा 132 की उप धारा में प्रावधान है कि 31 मार्च के बाद कोई कर नहीं बढ़ा सकते। फिर नगर निगम ऐसा क्यों कर रहा है। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।

भोपाल। भोपाल नगर निगम का बजट गुरुवार को पेश हुआ। भोपाल की महापौर मालती राय ने इस बार पिछली बार के मुकाबले 300 करोड़ रुपये ज्यादा यानी 3611 करोड़ और 79 लाख 75 हजार रुपये का बजट पेश किया है। वहीं, इस बार प्रॉपर्टी टैक्स भी बढ़ाया गया है। इसके अलावा अब पानी पीना भी महंगा हो जाएगा। कांग्रेस ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
महापौर ने इस बार भोपाल में प्रॉपर्टी टैक्स में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। वहीं, उपभोक्ता प्रभार जल, सीवेज, ठोस अपशिष्ट में भी 15% की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। टैक्स बढ़ाने से शहर में 3 लाख नल कनेक्शन और 5.62 लाख प्रॉपर्टी टैक्स उपभोक्ता प्रभावित होंगे। महापौर ने कहा कि 3611 करोड़ रुपए से अधिक का बजट आज हमने पेश किया है। शहर को विकास की सौगातें देने के लिए हमने कई प्रावधान किए हैं। इनमें शहर के सात प्रवेश द्वार, विसर्जन घाट सहित कई प्रस्तावों के लिए बजट रखा है। जल्द ही परिषद हॉल भी बनाया जाएगा।
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वहीं, प्रॉपर्टी टैक्स और जल कर में बढ़ोतरी पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेसी पार्षदों ने अध्यक्ष की आसंदी घेर ली। वही दोनों पक्ष की तरफ से नारेबाजी की गई। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा कि धारा 132 की उप धारा में प्रावधान है कि 31 मार्च के बाद कोई कर नहीं बढ़ा सकते। फिर नगर निगम ऐसा क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये भाजपा की हिटलरशाही है। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
टैक्स बढ़ाने पर विपक्ष के हंगामे के बीच बजट पर चर्चा के लिए कल सुबह 11 बजे तक सदन स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले बजट पर चर्चा के दौरान शहर की 300 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को अनुदान के रूप में लाखों रुपए दिए जाने का विरोध भी हुआ है। कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद सरवर ने कहा कि कई संस्थाएं सक्रिय नहीं है। नगर निगम अपना पैसा सस्ता को क्यों दे रहा है।
भोपाल नगर निगम के एमआईसी मेंबर को एक करोड़ रुपए का सालाना बजट देने का विपक्ष ने विरोध किया है। चार बार के पार्षद मोहम्मद सरवर ने कहा कि बजट में हमेशा महापौर, अध्यक्ष के लिए बजट का प्रावधान रहता था।लेकिन अब तो एमआईसी मेंबर को भी बजट दिया जा रहा है, ऐसा मैंने कभी नहीं देखा है। जैसे ही पार्षद सरवर ने विरोध जताया सभी 10 एमआईसी मेंबर विरोध में खड़े हो गए।