दिग्विजय सिंह ने EVM पर चुनाव आयोग से माँगा जवाब, सिटीज़न्स कमीशन की रिपोर्ट ने उठाए हैं कई सवाल
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में बने कमीशन ने देश में EVM से चुनाव कराने के सिस्टम पर जारी रिपोर्ट में कई अहम मुद्दे उठाए हैं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के बारे में एक बार फिर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि आयोग को भारत में चुनावों की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए उन तमाम मुद्दों का जवाब देना चाहिए, जो EVM के इस्तेमाल और उसकी विश्वसनीयता से जुड़ी एक ताज़ा रिपोर्ट में उठाए गए हैं। दिग्विजय सिंह ने इस रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए ये भी बताया है कि इसमें ईवीएम की व्यवस्था को किन पैमानों पर परखा गया है।
सिटिज़न्स कमीशन ऑन इलेक्शन्स की इस रिपोर्ट का शीर्षक है “क्या भारत के EVM और VVPAT सिस्टम लोकतांत्रिक चुनावों के लिए उपयुक्त हैं?” दिग्विजय सिंह ने इस रिपोर्ट को उद्धृत करते हुए बताया है कि लोकतंत्र की मज़बूती के लिए किसी भी वोटिंग प्रक्रिया में इन खूबियों का होना ज़रूरी है :
1. मतदान की प्रक्रिया इतनी पारदर्शी होनी चाहिए कि आम नागरिकों को अपने वोट सही ढंग से रिकॉर्ड होने और गिने जाने का भरोसा हो।
2. वोटिंग और मतगणना की प्रक्रिया ऐसी हो जिसका सार्वजनिक ऑडिट किया जा सके।
3. आम नागरिक मतदान की प्रक्रिया के हर ज़रूरी चरण की जाँच कर सकें। अगर ऐसा करने के लिए किसी ख़ास विशेषज्ञता की ज़रूरत है तो हर नागरिक को अपना विशेषज्ञ चुनने की अधिकार हो।
4. वोटों की गिनती की पुष्टि करना संभव होना चाहिए। नतीजों की भरोसमंद तरीक़े से जांच करना भी मुमकिन होना चाहिए। इसके लिए किसी ख़ास विशेषज्ञता की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए।
5. चुनाव प्रक्रिया न सिर्फ़ स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए बल्कि उसकी स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सबको भरोसा भी होना ज़रूरी है।
6. पूरी वोटिंग प्रक्रिया पर चुनाव आयोग का संपूर्ण नियंत्रण होना चाहिए। यह प्रक्रिया ऐसी हो, जिसकी तस्दीक़ आम लोग भी आसानी से कर सकें।
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि सिटिज़न्स कमीशन की रिपोर्ट में इस बात की जाँच की गई है कि EVM की सार्वजनिक जाँच और समीक्षा किस हद तक की जा सकती है। रिपोर्ट को तैयार करने वाले सिटिज़न्स कमीशन ऑन इलेक्शन्स के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर हैं। उनके अलावा इस कमीशन में हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं। कंप्यूटर साइंस के ऐसे सम्मानित प्रोफ़ेसर्स ने कमीशन के सामने अपनी बात रखी है, जो साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टोग्राफी के बड़े एक्सपर्ट हैं।
I hope in the interest of the credibility of CEC it would respond to the questions raised in the Report.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 31, 2021
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि इस रिपोर्ट में जन प्रतिनिधित्व क़ानून 1951 (Representation of People Act 1951) की धारा 61A के तहत आम मतदाताओं को दिए गए बुनियादी अधिकारों से जुड़े कुछ बेहद ज़रूरी सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए इस रिपोर्ट में उठाए गए सवालों का जवाब देंगे।