चुनाव के बीच नेशनल हेराल्ड के खिलाफ ED की कार्रवाई, 752 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की

National Herald Case: ईडी द्वारा संलग्न संपत्तियों की सूची में दिल्ली में नेशनल हेराल्ड का घर, लखनऊ में नेहरू भवन और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस शामिल है। कांग्रेस ने इस बदले की कार्रवाई करार दिया है।

Updated: Nov 21, 2023, 11:06 PM IST

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने 752 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी द्वारा संलग्न संपत्तियों की सूची में दिल्ली में नेशनल हेराल्ड हाउस, लखनऊ में नेहरू भवन और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस शामिल है।

जांच एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे। इसी के आधार पर कार्रवाई की गई। ED ने आगे कहा कि जांच से पता चला कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों में यंग इंडिया का कब्जा है। इसके अलावा AJL ने इसमें 90.21 करोड़ रुपए की अवैध आय निवेश किया है। इसी प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को भाजपा की हताशा करार दिया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बयान दर्ज कर कहा, 'प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एजेअल की संपत्तियों की कुर्की किए जाने की ख़बरें चल रहे विधानसभा चुनावों में सभी राज्यों में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दिखाती हैं। पीएमएलए के तहत कार्रवाई केवल निश्चित दिख रहे अपराध के संकेत या किसी मुख्य अपराध के बाद हो सकती है। लेकिन इस मामले में किसी भी अचल संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं हुआ है। पैसों का कोई लेनदेन नहीं है। कथित अपराध से कोई आय नहीं हुई। यहां तक कि ऐसा कोई शिकायतकर्ता भी नहीं है जो यह दावा करता हो कि उसके साथ धोखा हुआ है: एक भी नहीं!'

सिंघवी ने आगे कहा, 'यह चुनाव के बीच ध्यान भटकाने और भ्रम फ़ैलाने के लिए भाजपा का भाजपा के लिए रचा गया छल, झूठ और फरेब से भरा पहले से तैयार स्ट्रक्चर है। भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी — सीबीआई, ईडी या आयकर विभाग — उसे उसकी निश्चित हार से नहीं बचा सकता। किसी भी अचल संपत्ति के हस्तांतरण या पैसे के मूवमेंट के बिना ऋण के असाइनमेंट को एक ऐसी कंपनी की संपत्ति की जब्ती को उचित ठहराने के लिए तैयार किया जा रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक प्रतिष्ठित आवाज़ - नेशनल हेराल्ड - को चलाती आई है। ऐसा केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यह कंपनी कांग्रेस पार्टी और उसकी विरासत से जुड़ी हुई है।  ये प्रतिशोध की घटिया रणनीति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को किसी भी तरह से नहीं डरा पाएगी।'