कॉमर्स ग्रेजुएट ने व्यापारी से ठगे 32 लाख रुपए, ठगी के पैसों से बनाता था फिल्में

सस्ता लोन दिलाने के नाम पर व्यापारी से 32 लाख की ठगी, आरोपी फिल्म प्रोड्यूसर, अजय यादव ने बनायी ओवरटाइम, भड़ास, लव फिर कभी, रन बांका, सस्पेंस एंड साक्षी जैसी फ़िल्में

Updated: Aug 02, 2021, 02:54 PM IST

Photo Courtesy: Indian express
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दिल्ली। पुलिस ने एक फिल्म प्रोड्यूसर को 32 लाख की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम अजय यादव है। वह लोगों को सस्ता लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस इसे 6 साल से तलाश रही थी। हाल ही में दिल्ली के बिजनेसमैन को अजय ने 65 लाख रुपए का लोन दिलाने का झांसा देकर 32 लाख की वसूली की थी। साउथ दिल्ली इलाके के मैदानगढ़ी थाना पुलिस ने आरोपी अजय यादव को मथुरा से पकड़ा है।

फरियादी कारोबारी राहुल नाथ ने सस्ते लोन का विज्ञापन न्यूज पेपर में देखा था। विज्ञापन में दिए नंबर पर फोन करने पर उसकी बात अजय यादव से हुई थी। अजय ने उससे कहा था कि वह मुंबई की फाइनेंशियल एडवाइजर कंपनी का डायरेक्टर है। व्यापारी राहुल को दस साल के लिए 65 करोड़ रुपये का लोन चाहिए था। अजय ने उसे सस्ता लोन दिलवाने का झांसा दिया, और उससे 32 लाख रुपये एडवांस में जमा करने की शर्त रखी। जब अजय को पैसे मिल गए तो उसने अपना नबंर और पता सब बदल दिया। जब व्यापारी राहुल को लोन नहीं मिला, और उसका फोन भी बंद आने लगा तो उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। जिसके बाद उसने दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया।

 आरोपी के लिए दिल्ली पुलिस ने मुंबई, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की और मथुरा से उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने खुलासा किया है कि आऱोपी किराए के मकान में पहचान बदल कर रहता था। लोगों से ठगी के लिए वह फर्जी आईडी, फोन नंबर का उपयोग करता था। उसने कई फर्जी फाइनेंस कंपनी के माध्यम से करोड़ों का लोन दिलाने के नाम पर कई व्यापारियों को चूना लगाया है।   

अजय यादव को 2012 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह किसी तरह भाग गया था। पुलिस साल 2015 से उसकी तलाश कर रही थी। 55 वर्षीय अजय यादव नाम बदल-बदल कर लोगों से धोखाधड़ी करता था। वह संजय अग्रवाल, राकेश शर्मा, विकास कुमार गुड्डू, रमन अविनाश के नाम से लोगों को ठग चुका है।

अजय यादव खुद को सेरेने प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर बताता है। उसने बॉलीवुड की करीब आधा दर्जन फिल्में बनाई हैं। आरोपी ने ओवरटाइम, भड़ास, लव फिर कभी, रन बांका, सस्पेंस एंड साक्षी नाम की फिल्मों का निर्माण किया है।

इससे पहले भी आरोपी अजय यादव गिरफ्तार किया गया था, उसे मुंबई क्राइम ब्रांच की स्पेशल सेल और कांदिवली यूनिट ने गिरफ्तार किया था। लेकिन उसके बाद वह फरार हो गया था। वह पुलिस को साल 2015 चकमा दे रहा था। आरोपी ठगी से मिली रकम का उपयोग फिल्म्स प्रोड्यूस करने में करता था। इसकी ज्यादातर फिल्में फैंस को पसंद नहीं आई और फ्लॉप हो गईं। जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि आऱोपी खुद को प्राइवेट फाइनेंस कंपनी का मालिक बताता था, वह लोगों को सस्ता औऱ जल्दी लोन दिलाने की बात कह कर बातों में फंसाता औऱ ठगी करता था। पुलिस आरोपी से पूछताझ में जुटी है। इससे बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। मथुरा निवासी अजय यादव कॉमर्स ग्रेजुएट है। शुरुआती दौर में वह सब्जियों और फलों का बिजनेस करता था।