RGPV मारपीट मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 6 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निकाला, दो सस्पेंड

भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय (आरजीपीवी) में छात्रों के समूह के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। विश्विद्यालय समिति ने इस पर जांच करते हुए अपना फैसला सुनाया है।

Publish: Aug 07, 2025, 11:56 AM IST

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भोपाल। शहर के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय (आरजीपीवी) में छात्रों के समूह के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। विश्विद्यालय समिति ने इस पर जांच करते हुए अपना फैसला सुनाया है। छात्रावास में हुई मारपीट में विश्विद्यालय ने 2 छात्रों को 6 माह के लिए निलंबित किया है।

विश्विद्यालय प्रबंधन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 8 छात्रों पर सख्त एक्शन लिया है। इसमें मारपीट के साथ रैगिंग करने का मामला भी सामने आया है। यूजीसी एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को दर्ज शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। दरअसल मामला 2 अगस्त का है यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के बाल्टिक हॉस्टल और स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर (एसओए) हॉस्टल के छात्रों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद यह लड़ाई तक पहुंच गया। 

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इसकी शुरुआत फोन पर बहस के दौरान हुई थी। इसके बाद लाठी डंडे और लोहे की रोड लेकर छात्रों ने एक दूसरे को पीटा। इसमें कई छात्र घायल हुए हैं। 5 और 6 अगस्त को एंटी रैगिंग समिति की मीटिंग हुई जिसमें समिति ने दोषी छात्रों पर कार्रवाई का आदेश दिया। छात्र देव दहिया (स्कूल ऑफ आईटी, द्वितीय वर्ष), और गुरप्रीत सिंह (बी. आर्च पांचवा वर्ष) दोनों को संस्थान ने 6 महीने के लिए निलंबित किया है। इसके साथ इन्हें हॉस्टल से निकलना और गुरप्रीत सिंह का परीक्षा परिणाम रोकने के निर्देश दिए गए हैं। 

मामले में आरजीपीवी प्रशासन ने कहा कि परिसर में रैगिंग और अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसी घटनाओं पर और सख्त कार्रवाई और दंड के प्रावधान रहेंगे। वहीं जिन छात्रों को निष्कासित किया गया है। आदर्श पांडे, (बी. टेक, द्वितीय वर्ष), प्रवीण कुमार सिंह (बी. टेक, द्वितीय वर्ष), राजीव पांडे (बी. टेक, द्वितीय वर्ष), आर्यन चौरसिया (बी. आर्च, पांचवा वर्ष), देव शर्मा (बी. आर्च, पांचवा वर्ष) और प्रद्युमन सोनी (बी. आर्च, पांचवा वर्ष) के नाम हैं। विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि इन्हें चेतावनी पत्र जारी किया जाए। और इनके पैरेंट्स से शपथ पत्र लिया जाय कि भविष्य में ऐसी किसी घटना में शामिल नहीं होंगे।