वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 111वें नंबर पर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी खस्ता हाल

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की ताजा रैंकिंग जारी हो गई है। इसमें भारत को 111वां स्थान मिला है। भारत से आगे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देश हैं। इस रैंकिंग पर मोदी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है।

Updated: Oct 13, 2023, 12:40 PM IST

नई दिल्ली। भारत में भुखमरी और कुपोषण अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की 2023 की सालाना रिपोर्ट में भारत की स्थिति सामने आई है। भारत को 28.7 GHI स्कोर के साथ भुखमरी के मामले में गंभीर स्थिति वाला देश बताया गया है। भारत 125 देशों में 111वें नंबर पर है। रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति उससे बेहतर दिखाई गई है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पड़ोसी देश भी भारत से आगे हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है। देखा जाए तो पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर है। तालिबान शासित अफगानिस्तान सूची में 114वें स्थान पर है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिग में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। भारत पिछले साल से चार पायदान नीचे गिरा है। 2022 में भारत 121 देशों की लिस्ट में 107वें स्थान पर रहा था। इससे पहले 2021 में भारत को 101वीं रैंक आई थी।
ये रैंकिंग बताती है कि देश के लोग भयंकर भूख और भुखमरी से जूझ रहे हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुपोषण (अंडरनरिशमेंट) की दर बढ़कर 16.6 फीसदी हो गई है और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर (बाल मृत्युदर) 3.1 फीसदी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 से 24 साल की महिलाओं में एनीमिया की दर बढ़कर 58.1 फीसदी पहुंच गई है। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बच्चों की कमजोरी की दर 18.7 प्रतिशत दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह अति कुपोषण को दर्शाती है।।इस रिपोर्ट ने मोदी सरकर के तमाम दावों को धाराशायी कर दिया है। 

हालांकि, भारत सरकार ने हर बार की तरह इस बार भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट को गलत और भ्रामक करार दिया है। महिला और बाल विकास 
मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ये देश की छवि को खराब करने का प्रयास है। इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वहीं चौथा और सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर ओपिनियन पोल पर आधारित है।

मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में बच्चों से जुड़े तीसरे इंडिकेटर 'बाल मृत्युदर' पर भी सवाल उठाए हैं। सरकार ने कहा है कि हंगर इंडेक्स में ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है जिससे ये साबित हो कि बाल मृत्युदर केवल भूख से ही जुड़ी हुई है।