57.4 फीसदी ग्रेजुएट बेरोज़गार, रोजगार सृजन की बजाय ध्यान भटकाने में जुटी सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार का पूरा ध्यान अपने कुछ चुनिंदा मित्रों को फायदा पहुंचाने में है, जिस कारण भारत में आधे से ज्यादा युवा नौकरी पाने में नाकाम रहते हैं।

नई दिल्ली। अमेरिका से भारतीय युवाओं को बेड़ियों में जकड़कर जबरन डिपोर्ट किए जाने को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। बेहतर जिंदगी और नौकरी मिलने का सपना संजोए ये युवा डंकी रूट से अमेरिका गए थे। कांग्रेस ने अब बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने दावा किया कि देश में स्थिति इतनी खराब है कि युवा रोजगार की तलाश में विदेश जाने को मजबूर हैं। जबकि मोदी सरकार लगातार देश का ध्यान भटकाने में लगी हुई है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की। इसमें मर्सर-मेटल के इंडियाज ग्रेजुएट स्किल इंडेक्स 2025 के हवाले से कहा गया कि देश में केवल 42.6 फीसदी स्नातक ही रोजगार के लिए योग्य हैं। जबकि 57.4 फीसदी को काम ही नहीं मिल पाया है।
जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा, 'आज युवा बेरोज़गारी से हताश और निराश हैं। हालात इतने खराब हैं कि लाखों युवा विदेशों में जाकर रोजगार ढूंढने को मजबूर हैं, लेकिन मोदी सरकार रोजगार सृजन की बजाय लगातार देश का ध्यान भटकाने में जुटी रहती है। रिपोर्ट के भयावह आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 57.4 प्रतिशत ग्रेजुएट बेरोज़गार हैं, क्योंकि डिग्री और कौशल में अंतर मानते हुए प्राइवेट कंपनियां व उद्योग उन्हें रोजगार योग्य नहीं मान रहे।'
जयराम रमेश ने आगे लिखा, 'मोदी सरकार का पूरा ध्यान अपने कुछ चुनिंदा मित्रों को फायदा पहुंचाने में है, जिस कारण भारत में आधे से ज्यादा युवा नौकरी पाने में नाकाम रहते हैं। युवा देश का भविष्य हैं, लेकिन अगर वे ही बेरोजगार रहेंगे, तो विकास कैसा?'
कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार से पूछा है कि देश में शिक्षा प्रणाली को उद्योगों की ज़रूरतों के अनुरूप क्यों नहीं बदला गया? कौशल विकास (Skill Development) और व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Training) को मुख्यधारा में कब लाया जाएगा? डिग्रीधारी युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सरकार की रणनीति क्या है?