महंगाई दुनिया के लिए गंभीर चुनौती, G20 बैठक से पहले बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित नजरिये में बदल रहा है और भारत ने इसमें उत्प्रेरक का काम किया है।
नई दिल्ली। भारत में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित होने से पहले एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महंगाई को दुनिया के लिए गंभीर चुनौती बताया है। पीएम मोदी ने राज्यों के लिए राजकोषीय अनुशासन की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र होगा, जिसमें भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते समाचार एजेंसी पीटीआई को साक्षात्कार दिया था, जिसे रविवार को जारी किया गया। इसमें पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के कारण दुनिया ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर जोर देने के बजाय भारत के मानव-केंद्रित विकास मॉडल को माना है। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की सफलताओं का उल्लेख किया और दिल्ली के बाहर बैठकें आयोजित करने में पिछली सरकारों के संदेह पर अफसोस जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 9 वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए साहसिक सुधारों को श्रेय देते हुए कहा कि इसकी बदौलत भारत एक दशक से भी कम समय में रफ्तार के साथ दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। साथ ही इसने दुनिया को दिखाया कि ‘भारत का मतलब कारोबार’ है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) और डायवर्सिटी (विविधता) है और हम अब चौथा ‘डी’ यानी डेवलपमेंट (विकास) भी जोड़ रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र होगा, जिसमें भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने
कहा कि उनकी सरकार के ‘सभी के कल्याण’ के नजरिये ने वैश्विक स्तर पर भी काम करने में उनकी मदद की। इसने उन लोगों को भी शामिल करने के लिए काम किया जो महसूस करते हैं कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है, जैसे ग्लोबल साउथ या अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने की मांग या तकनीक का लोकतंत्रीकरण तथा जलवायु परिवर्तन पर बातचीत।