अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज चंद्रो तोमर का निधन, मेरठ के निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

अंतरराष्ट्रीय शूटर दादी चंद्रो तोमर का 89 वर्ष की आयु में कोरोना से निधन हो गया है। कुछ दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई थी। मेरठ के आनंद अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

Updated: Apr 30, 2021, 11:21 AM IST

Photo courtesy: amarujala
Photo courtesy: amarujala

दिल्ली। देश भर में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है। कोरोना वायरस से लोगो की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली वयोवृद्ध शूटर दादी चंद्रो तोमर का 89 वर्ष की आयु में  मेरठ के मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान निधन हो गया।
बताया जा रहा है उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इलाज़ के लिए एक रात पहले ही उन्हें आनंद हॉस्पिटल से मेरठ के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वयोवृद्ध शूटर दादी चंद्रो तोमर की मौत का कारन ब्रेन हेम्ब्रेज बताया जा रहा है। 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार  सोमवार को उन्हें सांस लेने में परेशानी होना शुरू हुई थी। परिजनों ने तत्काल उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद  उन्हें मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में हालत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां आज सुबह अस्पताल में अंतिम सांस ली।

गौरतलब है कि चंद्रो तोमर ने 60 साल की उम्र में निशानेबाजी को करियर बनाया था और कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी जीती थीं। उन पर एक फिल्म भी बनाई गई। चंद्रो तोमर को विश्व का सबसे अधिक उम्र का निशानेबाज माना जाता था।


उल्लेखनीय है शूटर दादी का जन्म मूलरूप से शामली के गांव मखमूलपुर में एक जनवरी 1932 को हुआ। सोलह साल की उम्र में जौहड़ी के किसान भंवर सिंह से उनकी शादी हुुुई थी। साल 1998 में जौहड़ी में शूटिंग रेंज की शुरुआत डॉ. राजपाल सिंह ने की। लाडली पौत्री शेफाली तोमर को निशानेबाजी सिखाने के लिए वह रोज घर से शूटिंग रेंज तक जाती थी। शेफाली शूटिंग सीखती और चंद्रो तोमर देखती रहती थी। एक दिन चंद्रो तोमर ने एयर पिस्टल शेफाली से लेकर खुद निशाना लगाया। पहला निशाना दस पर लगा, दादी की निशानेबाजी देख रहे बच्चों ने तालियां बजाई। बताया जाता है यहीं से दादी चंद्रो तोमर की निशानेबाजी का सफर शुरू हुआ था।