कमलनाथ के कारण क्या एकजुट हुई कांग्रेस, जानिए सच्चाई

ऐसी अनगिनत खबरों के लिए सुनें हम समवेत की ख़ास पेशकश 'समाचार सारांश'

Updated: Feb 24, 2022, 02:59 AM IST

अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।

 

कमलनाथ की रैली में साथ दिखे बड़े चेहरे

ज़िलों से लेकर तहसील स्तर तक गुटों में बिखरी एमपी कांग्रेस को एकजुट करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लगातार दौरे कर रहे हैं। 2023 में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे कमलनाथ बुधवार को भिंड पहुंचे। उन्होंने यहां जन आक्रोश रैली को संबोधित किया और कहा कि चुनाव में अब 18 महीने ही बचे हैं और जनता बीजेपी का फैसला करेगी। खास बात यह रही कि कमलनाथ की मौजूदगी में अरसे बाद कांग्रेस में एकजुटता दिखी। मंच पर डॉ गोविंद सिंह, चौधरी राकेश सिंह और हेमंत कटारे एक साथ नजर आए।


शिवराज सिंह के काफिले में नई लक्जरी कार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले में पुराने वाहनों की जगह अब नई लग्जरी कारें शामिल होंगी। वित्त विभाग ने 5 फॉरच्यूनर कारों की खरीदी को मंजूरी दे दी है। इसके लिए ढाई करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सीएम के लिए सनरूफ वाली कारें रहेंगी, वहीं 9 मंत्रियों को इनोवा क्रिस्टा मिलेंगी, जिस पर सवा दो करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम के लिए एक फॉरच्यूनर कार सनरूफ वाली खरीदी जाएगी। इसके अलावा बाकी 4 कारें सामान्य टॉप मॉडल वाली होंगी। प्रत्येक कार की कीमत लगभग 50 लाख तक रहेगी। मंत्रियों ने भी नई कार मांगी है। 


फसल बीमा योजना में सरकार पर दलाली का आरोप

विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि किसान को फसल बीमा का ढाई लाख रुपये का मैसेज मिला, लेकिन भुगतान सिर्फ 24 हजार रुपये किए गए हैं। इसकी सरकार जांच कराए। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह रोज बयान दे रहे हैं कि यदि 90 प्रतिशत फसलें खराब हों तो उसे 100 प्रतिशत माना जाएगा। पटवारी ने शाजापुर के किसान की स्थिति बताते हुए आंकड़े प्रस्तुत किए जिसमें किसान को 22 हजार रुपये प्रीमियम के बदले सिर्फ 24 हजार की दावा राशि ही मिली। जबकि 2 लाख 57 हजार की स्वीकृति का मैसेज किसान को मिला था। सरकार लगातार बीमा कंपनियों की दलाली करके आपको और हमारा पैसा बीमा कंपनियों को देकर बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। बीमा की राशि का प्रीमियम ज्यादा लिया गया और मुआवजे की राशि कम दी गई।