शराब बिक्री पर जैन संतों ने उठाये सवाल

आचार्य विद्यासागर ने कहा है कि जिन लोगों के पास कुछ दिन पहले भोजन के लिए रुपए नहीं थे, उनके पास शराब के पैसे कहां से आ गए?

Publish: May 09, 2020, 03:29 AM IST

लॉकडाउन माँ शराब बिक्री पर देश के बड़े जैन संतों ने सवाल उठाये हैं। इंदौर में प्रवास कर रहे जैन आचार्य विद्यासागर ने कहा है कि जिन लोगों के पास कुछ दिन पहले भोजन के लिए रुपए नहीं थे, उनके पास शराब के पैसे कहां से आ गए? शराब और मांस ही तो कोरोना के दोस्त हैं। ये दोनों जहां रहेंगे वहां पर कोरोना बरक़रार रहेगा। लगभग 2 महीने से शराब की बिक्री बंद थी , इससे लोगों ने संयम रखा था। अब फिर शराब की बिक्री फिर शुरू हो गई। ऐसे में हालात सुधारना मुश्किल हो जायेगा। सही दिशा में काम करने से ही देश की अर्थव्यवस्था का संचालन हो सकता है। शराब बिक्री से तो लोगों के दिमाग और तबीयत दोनों ख़राब होंगे।

ऑनलाइन शंका समाधान के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि सरकार ने शराब की दुकाने खोलने के आदेश दिये हैं जबकि मंदिर बंद है। यह बडी विडंबना है वर्तमान दौर में एक बड़ी महामारी चल रही है। संक्रमण से बचने की जरूरत है सरकार को बताओ कि शराब पीने से लोगों की इम्युनिटी कम होती है और यदि संक्रमण होता है तो उनके इलाज पर कमाई से ज्यादा खर्च होगा। शराब तो पूरी तरीके से बंद होना चाहिए।

मुनि श्री ने कहा है कि गुजरात और बिहार जैसी शराब बंदी पूरे देश में होनी चाहिए। और जब ग्रीन जोन में शराब की दुकानें खोल सकते हैं तो फिर मंदिर क्यों नहीं?  मंदिरों में भी दर्शन करने के लिए नियम बनाया जाना चाहिए। सरकार तत्काल इस पर सहमति दे मंदिरों में भीड़ नहीं होगी इसके लिए मंदिर कमेटी सुनिश्चित करेगी। मंदिरों में सब्जी बाजार तो नहीं लगेगा मंदिरों में को लंबे समय तक रोक देना भी उचित नहीं है यह भी देश के लिए महान नुकसानदायी होगा। मंदिरों में लोग 2 गज की दूरी के साथ पूजा करेंगे और विशेष अनुष्ठान भी दूरी बनाकर करेंगे। यह बड़ा अटपटा निर्णय लग रहा है कि शराब की दुकानें खोल दी गई हैं और मंदिर बंद रहे सरकार को इस मामले में गंभीरता से सोचना चाहिए।